________________ 674 ] [ स्थानाङ्गसूत्र संग्रहणी-गाथा सिद्ध भरहे खंडग, माणी वेयड्ढ पुण्ण तिमिसगुहा / भरहे वेसमणे या, भरहे कूडाण णामाई // 1 // जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के दक्षिण में, भरत क्षेत्र में दीर्घ वैताढय पर्वत पर नौ कट कहे गये हैं। 1. सिद्धायतन कूट, 2. भरत कूट, 3. खण्डकप्रपात गुफा कूट, 4. माणिभद्र कूट, 5. वैताढय कूट, 6. पूर्णभद्र कूट, 7. तमिस्रगुफा कूट, 8. भरत कूट, 6. वैश्रमण कूट (43) / ४४-जंबुद्दीवे दीवे मंदरम्स पव्वयस्स दाहिणे गं णिसहे वासहरपन्वते णब कडा पणत्ता, तं जहा सिद्ध णिसहे हरिवस, विदेह हरि धिति असोतोया। अवरविदेहे रुयगे, णिसहे कूडाण णामाणि // 1 // जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के दक्षिण में निषध वर्षधर पर्वत के ऊपर नौ कूट कहे गये हैं / जैसे 1. सिद्धायतन कूट, 2. निषध कूट, 3, हरिवर्ष कूट, 4. पूर्व विदेह कूट, 5. हरि कूट, 6. धृति कूट, 7. सीतोदा कूट, 8. अपरविदेह कूट, 6. रुचक कूट (44) / ४५–जंबुद्दीवे दीवे मंदरपवते गंदणवणे णव कडा पण्णता, तं जहा णंदणे मंदरे चेव, णिसहे हेमवते रयय रुयए य / सागरचित्ते वइरे, बलकूडे चेव बोद्धव्वे // 1 // जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के नन्दन वन में नौ कूट कहे गये हैं। जैसे 1. नन्दन कूट, 2. मन्दर कूट, 3. निषध कूट, 4. हैमवत कूट, 5. रजत कूट, 6. रुचक कूट, 7. सागरचित्र कूट, 8. वज्र कूट, 6. बल कूट (45) / ४६-जंबुद्दीवे दीवे मालवंतवक्खारयम्वते णव कडा पण्णत्ता, तं जहा सिद्ध य मालवंते, उत्तरकुरु कच्छ सागरे रयते / सीता य पुण्णणामे, हरिस्सहकूडे य बोद्धब्वे // 1 // जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के [उत्तर में उत्तरकुरु के पश्चिम पार्श्व में] माल्यवान् वक्षस्कार पर्वत के ऊपर नौ कूट कहे गये हैं / जैसे---- 1. सिद्धायतन कूट, 2. माल्यवान् कूट, 3. उत्तर-कुरु कुट, 4. कच्छ कूट, 5. सागर कूट, 6. रजत कूट, 7. सीता कूट, 8. पूर्णभद्र कूट, 6. हरिस्सह कूट (46) / ४७–जंबुद्दीवे दीवे कच्छे दोहवेयड्ढे णव कुडा पण्णता, तं जहा-- सिद्ध कच्छे खंडग, माणी वेयड्ढ पुण्ण तिमिसगुहा / कच्छे वेसमणे या, कच्छे कूडाण णामाई // 1 // जम्बूद्वीप नामक द्वीप में कच्छवर्ती दीर्घ वैताढय के ऊपर नौ कट कहे गये हैं / जैसे Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org