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________________ अष्टम स्थान ] [657 1. कदम्ब पिशाचों का चैत्यवृक्ष है। 2. वट यक्षों का चैत्यवृक्ष है। 3. तुलसी भूतों का चैत्यवृक्ष है। 4. काण्डक राक्षसों का चैत्य वृक्ष है। 5. अशोक किन्नरों का चैत्यवृक्ष है / 6. चम्पक किम्पुरुषों का चैत्यवक्ष है। 7. नागवृक्ष महोरगों का चैत्यवृक्ष है / 8. तिन्दुक गन्धर्वो का चैत्यवृक्ष है (117) / ज्योतिष्क-सूत्र ११८-इमोसे रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जानो भूमिभागानो अटुजोयणसते उड्डमबाहाए सूरविमाणे चारं चरति / ___ इस रत्नप्रभा पृथ्वी के वहुसम रमणीय भूमिभाग से आठ सौ योजन को ऊंचाई पर सूर्यविमान भ्रमण करता है (118) / ११६--अढ णक्खत्ता चंदेणं सद्धि पमई जोगं जोएंति, तं जहा -कत्तिया, रोहिणो, पुणध्वसू, महा, चित्ता, विसाहा, अणुराधा, जेट्ठा / आठ नक्षत्र चन्द्रमा के साथ प्रमर्दयोग करते हैं / जैसे१. कृत्तिका, 2. रोहिणी, 3. पुनर्वसु, 4. मधा, 5. चित्रा, 6. विशाखा, 7. अनुराधा, 8. ज्येष्ठा (116) / विवेचन-चन्द्रमा के साथ स्पर्श करने को प्रमर्दयोग कहते हैं। उक्त आठ नक्षत्र उत्तर और दक्षिण दोनों ओर से स्पर्श करते हैं। चन्द्रमा उनके बीच में से गमन करता हुआ निकल जाता है। द्वार-सूत्र १२०-जंबुद्दीवस्स णं दोवस्स दारा अट्ट जोयणाई उड्ढे उच्चत्तणं पण्णत्ता। जम्बूद्वीप नामक द्वीप के चारों द्वार पाठ-पाठ योजन ऊंचे कहे गये हैं (120) / १२१-सवेसिपि णं दोवसमुद्दाणं दारा अट्ठ जोयणाई उड्ढं उच्चत्तणं पण्णत्ता। सभी द्वीप और समुद्रों के द्वार पाठ-पाठ योजन ऊंचे कहे गये हैं (121) / बन्धस्थिति-सूत्र १२२-पुरिसवेयणिज्जस्स णं कम्मस्स जहण्णेणं अट्ठसंवच्छराई बंधठितो पण्णत्ता। पुरुषवेदनीयकर्म का जघन्य स्थितिबन्ध आठ वर्ष कहा गया है (122) / १२३–जसोकित्तीणामस्स णं कम्मस्स जहणणं अट्ठ मुहत्ताई बंधठिती पण्णत्ता। यशःकीर्तिनाम कर्म का जघन्य स्थितिबन्ध अाठ मुहूर्त कहा गया है (123) / , १२४-उच्चागोतस्स णं कम्मस्स (जहण्णेणं अट्ठ मुहुत्ताई बंधठिती पण्णत्ता)। उच्चगोत्र कर्म का जघन्य स्थितिबन्ध पाठ मुहूर्त कहा गया है (124) / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003471
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Shreechand Surana
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1981
Total Pages827
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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