________________ अष्टम स्थान] [ 645 जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के पूर्व में शीता महानदी के दक्षिण में चक्रवर्ती के पाठ विजय-क्षेत्र कहे गये हैं जैसे 1. वत्स, 2. सुवत्स, 3. महावत्स, 4. वत्सकावती, 5. रम्य, 6. रम्यक, 7. रमणीय, 8. मंगलावती (70) / ७१-जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पन्वयस्स पच्चस्थिमे गं सीतोयाए महाणदीए दाहिणे णं अट्ठ चक्कवट्टिविजया पण्णत्ता, तं जहा—पम्हे, (सुपम्हे, महापम्हे, पम्हगावतो, संखे, पलिणे, कुमुए), सलिलावतो। जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के पश्चिम में शीतोदा महानदो के दक्षिण में चक्रवर्ती के आठ विजयक्षेत्र कहे गये हैं / जैसे--- 1. पक्ष्म, 2. सुपक्ष्म, 3. महापक्ष्म, 4. पक्ष्मकावती, 5. शंख, 6. नलिन, 7. कुमुद, 8. सलिलावती (71) / ७२--जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पध्वयस्स पच्चत्थिमे णं सोतोयाए महाणदीए उत्तरे णं अटु चक्कवट्टिविजया पण्णत्ता, तं जहा-चप्पे, सुवप्पे, (महावप्पे, वप्पगावती, बग्गू, सुबग्गू, गंधिल्ले), गंधिलावती। जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के पश्चिम में शीतोदा महानदी के उत्तर में चक्रवर्ती के पाठ विजय कहे गये हैं। जैसे 1. वप्र, 2. सुवप्र, 3. महावप्र, 4. वप्रकावती, 5. वल्गु, 6. सुवल्गु, 7. गन्धिल, 8. गन्धिलावती (72) / ७३---जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरथिमे णं सीताए महाणदीए उत्तरे णं अट्ठ रायहाणीनो पण्णत्तानो, त जहा-खेमा, खेमपुरी, (रिट्ठा, रिटुपुरी, खग्गी, मंजूसा, प्रोसधी), पुंडरीगिणी। जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के पूर्व में शीता महानदी के उत्तर में आठ राजधानियां कही गई हैं / जैसे। 1. मा, 2. क्षेमपुरी, 3. रिष्टा, 4. रिष्टपुरी, 5. खड्गी, 6. मंजूषा, 7. औषधि, 8. पौण्डरीकिणी (73) / ७४-जंबुद्दीवे दोवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरथिमे णं सोताए महाणईए दाहिणे णं अट्ठ रायहाणीमो पण्णत्तानो, तं जहा-सुसीमा, कुडला, (अपराजिया, पभंकरा, अंकावई, पम्हावई, सुभा), रयणसंचया। जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के पूर्व में शीता महानदी के दक्षिण में पाठ राजधानियां कही गई हैं / जैसे 1. सुसीमा, 2. कुण्डला, 3. अपराजिता, 4. प्रभंकरा, 5. अंकावती, 6. पक्ष्मावती, 7. शुभा, 8. रत्नसंचया (74) / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org