________________ 468 ] [स्थानाङ्गसूत्र ५८-बलिस्स गं वइरोणिदस्स वइरोयणरणो पंच संगामियाणिया, पंच संगामियाणियाधिवतो पण्णत्ता, तं जहा-पायत्ताणिए, (पीढाणिए, कुजराणिए, महिसाणिए), रधाणिए / महमे पायत्ताणियाधिवती, महासोदामे पासराया पीढाणियाधिवती, मालंकारे हस्थिराया कुजराणियाधिपती, महालोहिअक्खे महिसाणियाधिपती, किंपुरिसे रधाणियाधिपती। वैरोचनराज बलि वैरोचनेन्द्र के संग्राम करने वाले पांच अनोक और पांच अनीकाधिपति कहे गये हैं। जैसे अनीक-१. पादातानीक, 2. पीठानीक, 3. कुजरानीक, 4. महिषानीक, 5. रथानीक / अनीकाधिपति१. महाद्र म-पायातानीक-अधिपति / 2. अश्वराज महासुदामा-पीठानीक-अधिपति / 3. हस्तिराज मालंकार---कुजरानीक-अधिपति / 4. महालोहिताक्ष-महिषानीक-अधिपति / 5. किंपुरुष---रथानीक-अधिपति (58) / ५६-धरणस्स णं णागकुमारिदस्स णागकुमाररणो पंच संगामिया प्रणिया, पंच संगामियाणियाधिपती पश्णता, तं जहा—पायत्ताणिए जाव रहाणिए / भद्दसेणे पायत्ताणियाधिपती, जसोधरे पासराया पीढाणियाधिपती, सुदसणे हस्थिराया कुजराणियाधिपती, णीलकंठे महिसाणियाधिपती, पाणंदे रहाणियाहिवई / नागकुमारराज, नागकुमारेन्द्र धरण के संग्राम करने वाले पांच अनीक और पांच अनीकाधिपति कहे गये हैं। जैसे-. अनीक--१. पादातानीक, 2. पीठानीक, 3. कुजरानीक, 4. महिषानीक, 5. रथानीक / अनीकाधिपति-१. भद्रसेन—पादातानीक-अधिपति / 2. अश्वराज-यशोधर---पीठानीक-अधिपति। 3. हस्तिराज-सुदर्शन-कुजरानीक-अधिपति / 4. नीलकण्ठ-महिषानीक-अधिपति / 5. प्रानन्द-रथानीक-अधिपति (56) / 60. भूयाणंदस्स णं णागकुमारिदस्स णागकुमाररण्णो पंच संगामियाणिया, पंच संगामियाणिया हिवई पण्णत्ता, तं जहा-पायत्ताणिए जाव रहाणिए / दखे पायत्ताणियाहिवई, सुगावे पास राया पीढाणियाहिवई, सुविक्कमे हत्यिराया कुजराणियाहिवई, सेयकंठे महिसाणियाहिबई, णंदुत्तरे रहाणियाहिबई / नागकुमारराज नागकुमारेन्द्र भूतानन्द के संग्राम करने वाले पांच अनीक और पांच अनीकाधिपति कहे गये हैं। जैसे-- अनीक-१. पादातानीक, 2. पीठानीक, 3. कुजरानीक, 4. महिषानीक, 5. रथानीक / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org