________________ [ स्थानाङ्गसूत्र गव्यूति की कही गई है और उनकी तीन पल्योपम की उत्कृष्ट प्रायु होती है (115) / इसी प्रकार धातकीषण्ड तथा पुष्करद्वीपा के पूर्वार्ध और पश्चिमार्ध में भी जानना चाहिए (116) / शलाकापुरुष-वंश-सूत्र ११७-जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएस वासेसु एगमेगाए प्रोसप्पिणि-उस्सप्पिणीए तो वंसानो उप्पग्जिसु वा उप्पज्जंति वा उपज्जिस्संति वा, त जहा परहंतवंसे, चक्कवट्टिवंसे, दसारवंसे / ११८–एवं जाव पुक्खरवरदीवद्धपच्चत्थिमद्ध। जम्बूद्वीपनामक द्वीप के भरत और ऐरवत क्षेत्र में प्रत्येक अवसर्पिणी तथा उत्सपिणी काल में तीन वंश उत्पन्न हुए थे, उत्पन्न होते हैं और उत्पन्न होंगे--अरहन्त-वंश, चक्रवर्ती-वंश और दशारवंश (117) / इसी प्रकार धातकीखण्ड' तथा पुष्करवर द्वीपा के पूर्वार्ध और पश्चिमार्ध में तीन वंश उत्पन्न हुए थे, उत्पन्न होते हैं, तथा उत्पन्न होंगे (118) / शलाका-पुरुष-सूत्र ११६--जंबुद्दीवे दोवे भरहेरवएस वासेसु एगमेगाए प्रोसप्पिणी-उस्सप्पिणीए तो उत्तमपुरिसा उपज्जिसु वा उप्पज्जति वा उपज्जिस्संति वा, त जहा-अरहता, चक्कवट्टी, बलदेववासुदेवा / 120 ---एवं जाव पुक्खरवरदीवद्धपच्चत्थिमद्ध / जम्बूद्वीपनामक द्वीप के भरत और ऐरवत क्षेत्र में प्रत्येक अवपिणी तथा उत्सपिणी में तीन प्रकार के उत्तम पुरुष उत्पन्न हुए थे, उत्पन्न होते हैं और उत्पन्न होंगे-अरहन्त, चक्रवर्ती और बलदेववासुदेव (116) / इसी प्रकार धातकोखण्ड तथा पुष्करवर द्वीपार्ध के पूर्वाधं और पश्चिमार्ध में भी जानना चाहिए (120) / / भायुष्य-सूत्र १२१–तो अहाउयं पालयंति, त जहा---प्ररहंता, चक्कवट्टी, बलदेववासुदेवा। १२२-तओ मज्झिममाउयं पालयंति, त जहा-अरहंता, चक्कवट्टी, बलदेववासुदेवा। तीन प्रकार के पुरुष अपनी पूरी आयु का उपभोग करते हैं-अरहन्त, चक्रवर्ती और बलदेववासुदेव (121) / तीनों अपने समय की मध्यम आयु का पालन करते हैं-अरहन्त, चक्रवर्ती और बलदेव-वासुदेव (122) / १२३-बायरतेउकाइयाणं उक्कोसेणं तिण्णि राईदियाई ठिती पण्णत्ता। १२४----बायरवाउ. काइयाणं उक्कोसेणं तिणि वाससहस्साई ठिती पण्णत्ता। बादर तेजस्कायिक जीवों की उत्कृष्ट स्थिति तीन रात-दिन की कही गई है (123) / बादर वायुकायिक जीवों की उत्कृष्ट स्थिति तीन हजार वर्ष की कही गई है (124) / योनिस्थिति-सूत्र १२५–अह भंते ! सालोणं वीहीणं गोधमाणं जवाणं जवजवाणं-एतेसि णं धण्णाणं Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org