________________ द्वितीय स्थान-तृतीय उद्देश्य ] [73 दो धनिष्ठा, दो शतभिषा, दो पूर्वा भाद्रपद दो उत्तरा भाद्रपद, दो रेवती, दो अश्विनी, दो भरणी, इन नक्षत्रों ने चन्द्र के साथ थोग किया था, योग करते हैं और योग करेंगे (323) / नक्षत्र-देव-पद ___३२४-दो अग्गी, दो पयावती, दो सोमा, दो रहा, दो अदिती, दो बहस्सती, दो सप्पा, दी पिती, दो भगा, दो अज्जमा, दो सविता, दो तटा, दो वाऊ, दो इंदग्गी, दो मित्ता, दो इंदा, दो पिरती, दो पाऊ, दो विस्सा, दो बम्हा, दो विण्हू, दो वसू, दो वरुणा, दो प्रया, दो विविद्धी, दो पुस्सा, दो प्रस्सा, दो यमा। नक्षत्रों के दो दो देव हैं, उनके नाम इस प्रकार हैं---दो अग्नि, दो प्रजापति, दो सोम, दो रुद्र, दो अदिति, दो बृहस्पति, दो सर्प, दो पितृ-देवता, दो भग, दो अर्यमा, दो सविता, दो त्वष्टा, दो वायु, दो इन्द्राग्नि, दो मित्र, दो इन्द्र, दो निऋति, दो अप्, दो विश्वा, दो ब्रह्म, दो विष्णु, दो वसु, दो वरुण, दो अज, दो विवृद्धि, दो पूषन्, दो अश्व, दो यम / महाग्रह-पद ३२५–दो इंगालगा, दो वियालगा, दो लोहितक्खा, दो सणिच्चरा, दो माहुणिया, दो पाहुणिया, दो कणा, दो कणगा, दो कणकणगा, दो कणगविताणगा, दो कणगसंताणगा, दो सोमा, दो सहिया, दो पासासणा, दो कज्जोवगा, दो कब्बडगा, दो अयकरगा, दो दुदुभगा, दो संखा, दो संखवण्णा, दो संखवण्णाभा, दो कंसा, दो कंसवण्णा, दो कंसवण्णाभा, दो रुप्पी, दो रुप्पाभासा', दो णीला, दो गोलोभासा, दो भासा, दो भासरासी, दो तिला, दो तिलपुष्फवण्णा, दो दगा, दो दगपंचवण्णा, दो काका, दो कक्कंधा, दो इंदग्गी, दो धूमकेऊ, दो हरी, दो पिगला, दो बुद्धा, दो सुक्का, दो बहस्सती, दो राहू, दो अगत्थी, दो माणवगा, दो कासा, दो फासा, दो धुरा, दो पमुहा, दो विगडा, दो विसंधी, दो णियल्ला. दो पइल्ला, दो जडियाइलगा, दो अरुणा, दो अग्गिल्ला, दो काला, दो महाकालगा, दो सोत्थिया, दो सोवत्थिया, दो वद्धमाणगा, दो पलंबा, दो णिच्चालोगा, दो णिच्चुज्जोता, दो सयंभा, दो ओभासा, दो सेयंकरा, दो खेमंकरा, दो आभंकरा, दो पभंकरा, दो अपराजिता, दो अरया, दो असोगा, दो विगतसोगा, दो विमला, (दो वितता, दो वितस्था), दो विसाला, दो साला, दो सुव्वता, दो अणियट्टी, दो एगजडी, दो दुजडी, दो करकरिगा, दो रायगला, दो पुष्फकेतू, दो भावकेऊ, [चारं चरिंसु वा चरंति वा चरिस्संति वा ?] / जम्बूद्वीपनामक द्वीप में दो अंगारक, दो विकालक, दो लोहिताक्ष, दो शनिश्चर, दो पाहत, दो प्राहत, दो कन, दो कनक, दो कनकवितानक, दो कनकसन्तानक, दो सोम, दो सहित, दो आश्वासन, दो कार्योपग, दो कर्वटक, दो अजकरक, दो दुन्दुभक, दो शंख, दो शंखवर्ण, दो शंखवर्णाभ, दो कंस, दो कंसवर्ण, दो कंसवर्णाभ, दो रुक्मी, दो रुक्माभास, दो नील, दो नीलाभास, दो भस्म, दो भस्मराशि, दो तिल, दो तिलपुष्पवर्ण, दो दक, दो दकपंचवर्ण, दो काक, दो कर्कन्ध, दो इन्द्राग्नि, दो धूमकेतु, दो हरि, दो पिंगल, दो बुद्ध, दो शुक्र, दो बृहस्पति, दो राहु, दो अगस्ति, दो मानवक, दो काश, दो स्पर्श, दो धुर, दो प्रमुख, दो विकट, दो विसन्धि, दो णियल्ल, दो पइल्स, दो जडियाइलग, दो अरुण, दो अग्निल, दो काल, दो महाकालक, दो स्वस्तिक, दो Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org