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________________ श्री सम्पतराजजी, श्री मंगलचंदजी व श्री भूरमलजी / पुत्री का नाम लाड़कंवर बाई है। श्री गणेशमलजी ने अपने सभी पुत्रों को काम पर लगाया / वे साठ वर्ष की अवस्था में दिवंगत हो गए। सभी भाइयों का व्यवसाय अलग अलग है। सभी हिलमिलकर रहते हैं / सभी सम्पन्न धर्मनिष्ठ हैं। तीसरे भाई श्री अमरचन्दजी का देहान्त हो गया है। श्री सायरमलजी पांचवें नम्बर के भाई हैं और श्री जेठमलजी सातवें नम्बर के। यद्यपि श्री सायरमलजी पांचवें नम्बर के भाई हैं, फिर भी उनसे बड़े व छोटे सभी भाई उनको पिता के सदृश सम्मान देते हैं और वे स्वयं भी सभी भाइयों के साथ अत्यन्त वत्सलता व स्नेहपूर्ण व्यवहार रखते हैं। श्री सायरमलजी व श्री जेठमलजी में परस्पर बहुत अधिक प्रेम है। जो सायरमलजी हैं, वही जेठमलजी और जो जेठमलजी हैं, वही सायरमलजी। दोनों की जोड़ी बड़ी अनूठी। श्री जेठमलजी श्री सायरमलजी के बहुत बड़े सहयोगी व प्राज्ञाकारी भाई हैं / दोनों भाई धार्मिक व सामाजिक कामों में सदा सतत अभिरुचि रखने वाले हैं। समाज-सेवा, धार्मिक-उत्सव, दान आदि कार्यों में दोनों भाई सदा अग्रसर रहते हैं। आपने अपने पूज्य पिताजी की स्मृति में मेड़ता रोड में एक देशी औषधालय बनाया है जिसमें प्रतिमास सैकड़ों रोगी उपचार का लाभ प्राप्त करते हैं / नोखा में आपका एक कृषि फार्म भी है। आपके हृदय में जीव-दया के प्रति बहुत गहरी लगन है / यही कारण है कि आपने अपने कृषि फार्म के बाहर पशुओं के पानी पीने की व्यवस्था सदा के लिए बना रखी है। वि० सं० 2030 में उपप्रवर्तक पूज्य स्वामीजी श्री व्रजलालजी म. सा०, पं० र० श्री मधुकर मुनिजी म. सा. व मुनि श्री विनयकुमारजी (भीम) का वर्षावास नोखा में हुआ था। वर्षावास की स्मृति में श्री वर्धमान जन सेवा समिति का गठन किया गया। यह संस्था परमार्थ का काम कर रही है। आप इस संस्था के स्तम्भ सदस्य हैं और समय-समय पर अर्थ आदि का सहयोग देकर उक्त संस्था को सुदृढ़ बनाते रहते हैं। ___श्री सायरमलजी व श्री जेठमलजी व्यवसाय की दृष्टि से पृथक-पृथक क्षेत्रों में रहते हैं। फिर भी प्राप दोनों पारस्परिक व्यवहार की दृष्टि में एक हैं / श्री सायरमलजी का व्यवसाय-क्षेत्र मद्रास है / प्रापकी कपड़े की दुकान है, फर्म का नाम हैचौरड़िया फैन्सी स्टोर। श्री जेठमलजी का व्यवसाय-क्षेत्र है-बैंगलोर / 'महावीर ड्रग हाउस' के नाम से अापकी एक अंग्रेजी दवाइयों की बहुत बड़ी दुकान है। दक्षिण भारत में अंग्रेजी दवाइयों के वितरण में इस दुकान का सबसे पहला नम्बर है। श्रीमान जेठमलजी बेंगलौर में रहते हैं। बेंगलौर में श्री जेठमलजी की बड़ी अच्छी प्रतिष्ठा है। पाप औषधि व्यावसायिक एसोसियेशन के जनरल सेक्रेट्री हैं / अखिल भारत औषधि व्यवसाय एसोसिएशन के प्राप सहमंत्री भी हैं / बंगलौर श्री संघ के ट्रस्टी हैं / बेंगलोर युवक जैन परिषद के अध्यक्ष हैं / बंगलौर सिटी स्थानक के उपाध्यक्ष हैं। श्री जेठमलजी के तीन पुत्र हैं और एक पुत्री / पुत्रों के नाम-श्री महावीरचन्द, श्री प्रेमचन्द, श्री अशोक कुमार / पुत्री का नाम है--स्नेहलता। सभी पुत्र ग्रेजुएट हैं--सुयोग्य हैं। श्री जेठमलजी के कार्यभार को सम्भालने वाले हैं। श्री राजमलजी का समस्त परिवार व श्री गणेशमलजी का समस्त परिवार प्राचार्य श्री जयमल जी महाराज की सम्प्रदाय का अनुयायी है और स्वर्गीय पूज्य गुरुदेवजी श्री हजारीमलजी म. सा. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003469
Book TitleAgam 01 Ang 01 Acharanga Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1989
Total Pages938
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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