________________ वर्तमान में विराजित उपप्रवर्तक पूज्य स्वामीजी श्री ब्रजलालजी म. सा०, युवाचार्य श्री मधुकर मुनिजी म. सा. आदि पूज्य मुनिराजों का पूर्ण भक्त है। पूज्य गुरुदेव से सम्बन्धित ऐसा कोई प्रायोजन नहीं, जिसमें इन परिवारों के सदस्य उपस्थित न रहते हों। श्री सायरमलजी व श्री जेठमलजी तो सभी आयोजनों में सदा अग्रसर रहते हैं / दोनों भ्राताओं के हृदय में परम श्रद्धेय श्रमणसूर्य श्री मरुधरकेसरीजी म. के प्रति पूर्ण प्रास्था है। आगम-योजना के प्रारम्भ में ही आपने बड़े उत्साह के साथ एक सूत्र का सम्पूर्ण प्रकाशन-व्यय देने का वचन दिया था। तदनुसार आपके पूज्य पिताजी श्री गणेशमलजी व माताजी श्री सुन्दर बाई की पुण्य स्मृति में यह आगम प्रकाशित हो रहा है। भविष्य में भी पागमों के प्रकाशन तथा अन्य साहित्यिक कार्यो में आपका सहयोग इसी प्रकार मिलता रहेगा--इसी प्राशा के साथ / -मंत्री Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org