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प्रमाणाधिकारनिरूपण
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ग्रैवेयक और अनुत्तर देवों की स्थिति
(८) हेट्ठिमहेट्ठिमगेवेजविमाणेसु णं भंते ! देवाणं केवइकालं ठिती प० ? गो० ! जह० बावीसं सागरोवमाइं उक्को० तेवीसं सागरोवमाइं ।
हेट्ठिममज्झिमगेवेजविमाणेसु णं जाव गो० ! जह० तेवीसं सागरोवमाइं उक्कोसेणं चउवीसं सागरोवमाइं ।
हेट्ठिमउवरिमगेवेज्ज० जाव जह० चउवीसं सागरोवमाइं उक्को० पणुवीसं सागरोवमाइं ।
मज्झिमहेट्ठिमगेवेजविमाणेसु णं जाव गोयमा ! जह० पणुवीसं सागरोवमाई उक्को० छव्वीसं सागरोवमाइं । . मज्झिममज्झिमगेवेज० जाव जह० छव्वीसं सागरोवमाइं उक्को० सत्तावीसं सागरोवमाइं ।
मज्झिमउवरिमगेवेजविमाणेसु णं जाव गोतमा ! जह० सत्तावीसं सागरोवमाई उक्को० अट्ठावीसं सागरोवमाई ।
उवरिमहेट्ठिमगेवेज० जाव जह० अट्ठावीसं सागरोवमाई उक्को० एक्कूणतीसं सागरोवमाइं । उवरिममज्झिमगेवेज० जाव जह० एक्कूणतीसं सागरोवमाइं उक्को० तीसं सागरोवमाइं । उवरिमउवरिमगेवेज० जाव जह० तीसं सागरोवमाइं उक्को० एक्कतीसं सागरोवमाइं । [३९१-८ प्र.] भगवन् ! अधस्तन-अधस्तन ग्रैवेयक विमान में देवों की स्थिति कितनी कही गई है ? [३९१-८ उ.] गौतम! जघन्य स्थिति बाईस सागरोपम की और उत्कृष्ट स्थिति तेईस सागरोपम की है। [प्र.] भगवन् ! अधस्तनमध्यम ग्रैवेयक विमान के देवों की स्थिति कितनी कही है ? [उ.] गौतम! जघन्य स्थिति तेईस सागरोपम और उत्कृष्ट स्थिति चौबीस सागरोपम की है।
अधस्तन-उपरिम ग्रैवेयक के देवों की जघन्य स्थिति चौबीस सागरोपम की और उत्कृष्ट स्थिति पच्चीस सागरोपम की है। तथा
गौतम! मध्यम-अधस्तन ग्रैवेयक के देवों की जघन्य स्थिति पच्चीस सागरोपम की और उत्कृष्ट स्थिति छब्बीस सागरोपम की होती है। तथा
___ मध्यम-मध्यम ग्रैवेयक देवों की जघन्य स्थिति छब्बीस सागरोपम की, उत्कृष्ट स्थिति सत्ताईस सागरोपम की है। तथा
गौतम! मध्यम-उपरिम ग्रैवेयक विमानों में देवों की जघन्य स्थिति सत्ताईस सागरोपम की और उत्कृष्ट स्थिति अट्ठाईस सागरोपम की होती है। तथा—
उपरिम-अधस्तन ग्रैवेयक विमानों के देवों की जघन्य स्थिति अट्ठाईस सागरोपम की और उत्कृष्ट स्थिति उनतीस सागरोपम की है। ___उपरिम-मध्यम ग्रैवेयक देवों की जघन्य स्थिति उनतीस सागरोपम की और उत्कृष्ट स्थिति तीस सागरोपम की है। तथा
उपरिम-उपरिम ग्रैवेयक विमानों के देवों की जघन्य स्थिति तीस सागरोपम की और उत्कृष्ट सि.ते इकतीस सागरोपम की है।