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अनुयोगद्वारसूत्र
कतरे से णामे खइए पारिणामियनिप्पन्ने ? खइयं सम्मत्तं पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे खइए पारिणामियनिप्पन्ने ९ । कतरे से णामे खयोवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने ?
खयोवसमियाइं इंदियाई पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे खयोवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने १० ।
[२५३ प्र.] भगवन् ! औदयिक-औपशमिकभाव के संयोग से निष्पन्न भंग का स्वरूप क्या है ?
उत्तर- आयुष्मन् ! औदयिक-औपशमिकभाव के संयोग से निष्पन्न भंग का यह स्वरूप है-औदयिकभाव में मनुष्यगति और औपशमिकभाव में उपशांतकषाय को ग्रहण करने रूप औदयिक-औपशमिकभाव है। १
प्रश्न- भगवन् ! औदयिक-क्षायिकनिष्पन्नभाव का क्या स्वरूप है ?
उत्तर- आयुष्मन् ! औदयिकभाव में मनुष्यगति और क्षायिकभाव में क्षायिक सम्यक्त्व का ग्रहण औदयिकक्षायिकभाव है। २
प्रश्न- भगवन् ! औदयिक-क्षायोपशमिकनिष्पन्नभाव का क्या स्वरूप है ?
उत्तर- आयुष्मन् ! औदयिकभाव में मनुष्यगति और क्षायोपशमिकभाव में इन्द्रियां जानना चाहिए। यह औदयिक-क्षायोपशमिकभाव का स्वरूप है। ३
प्रश्न- भगवन् ! औदयिक-पारिणामिकभाव के संयोग से निष्पन्न भंग का क्या स्वरूप है ?
उत्तर-आयुष्मन् ! औदयिकभाव में मनुष्यगति और पारिणामिकभाव में जीवत्व को ग्रहण करना औदयिकपारिणामिकभाव का स्वरूप है। ४
प्रश्न- भगवन् ! औपशमिक-क्षयसंयोगनिष्पन्नभाव का स्वरूप क्या है ?
उत्तर- आयुष्मन् ! उपशांतकषाय और क्षायिक सम्यक्त्व यह औपशमिक-क्षायिकसंयोगज भाव का स्वरूप है।५
प्रश्न- भगवन् ! औपशमिक-क्षयोपशमनिष्पन्न के संयोग का क्या स्वरूप है ?
उत्तर- आयुष्मन् ! औपशमिकभाव में उपशांतकषाय और क्षयोपशमनिष्पन्न में इन्द्रियां यह औपशमिकक्षयोपशमनिष्पन्नभाव का स्वरूप है। ६
प्रश्न- भगवन् ! औपशमिक-पारिणामिकसंयोगनिष्पन्नभाव का क्या स्वरूप है ?
उत्तर- आयुष्मन् ! औपशमिकभाव में उपशांतकषाय और पारिणामिकभाव में जीवत्व यह औपशमिकपारिणामिकनिष्पन्नभाव का स्वरूप है।७
प्रश्न- भगवन् ! क्षायिक और क्षयोपशमनिष्पन्नभाव का क्या स्वरूप है ?
उत्तर- आयुष्मन् ! क्षायिक सम्यक्त्व और क्षायोपशमिक इन्द्रियां यह क्षायिक-क्षायोपशमिकनिष्पन्नभाव का स्वरूप जानना चाहिए।८ . प्रश्न- भगवन् ! क्षायिक और पारिणामिकनिष्पन्न का क्या स्वरूप है ?
उत्तर- आयुष्मन् ! क्षायिकभाव में क्षायिक सम्यक्त्व और पारिणामिकभव में जीवत्व क ग्रहण क्षायिकपारिणामिकनिष्पन्नभाव का स्वरूप है।९