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अनुयोगद्वारसूत्र
[१३१ प्र.] भगवन् ! औपनिधिकी द्रव्यानुपूर्वी का क्या स्वरूप है ?
[१३१ उ.] आयुष्मन् ! औपनिधिकी द्रव्यानुपूर्वी के तीन प्रकार कहे हैं, यथा—१. पूर्वानुपूर्वी, २. पश्चानुपूर्वी और ३. अनानुपूर्वी।
विवेचन — सूत्र में औपनिधिकी द्रव्यानुपूर्वी के तीन भेद बताये हैं.
‘उपनिधिर्निक्षेपो विरचनं प्रयोजनमस्या इत्यौपनिधिकी' अर्थात् किसी एक वस्तु को स्थापित करके उसके समीप पूर्वानुपूर्वी आदि के क्रम से अन्य वस्तुओं को स्थापित करना उपनिधि का अर्थ है । यह प्रयोजन जिसका हो, उसका नाम औपनिधिकी है। यह द्रव्यविषयक द्रव्यानुपूर्वी पूर्वानुपूर्वी आदि रूपों से तीन प्रकार की है।
पूर्वानुपूर्वी — विवक्षित धर्मास्तिकाय आदि द्रव्यविशेष के समुदाय में जो पूर्व—प्रथम द्रव्य है, उससे प्रारंभ कर अनुक्रम से आगे-आगे के द्रव्यों की स्थापना अथवा गणना की जाती है उसे पूर्वानुपूर्वी कहते हैं । यथा— धर्मास्तिकाय से प्रारंभ कर क्रमानुसार कालद्रव्य तक गणना करना ।
पश्चानुपूर्वी — उस द्रव्यविशेष के समुदाय में से अंतिम द्रव्य से लेकर विलोमक्रम से प्रथम द्रव्य तक जो आनुपूर्वी, परिपाटी निक्षिप्त की जाती है वह पश्चानुपूर्वी है।
अनानुपूर्वी पुर्वानुपूर्वी एवं पश्चानुपूर्वी इन दोनों से भिन्न स्वरूप वाली आनुपूर्वी को अनानुपूर्वी कहते हैं । अब यथाक्रम इन तीनों भेदों का निरूपण करते हैं ।
पूर्वानुपूर्वी
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१३२. से किं तं पुव्वाणुपुव्वी ?
पुव्वाणुपुव्वी धम्मत्थिकाए १ अधम्मत्थिकाए २ आगासत्थिकाए ३ जीवत्थिकाए ४ पोग्गल - थिका ५ अद्धासमए ६ । से तं पुव्वाणुपुव्वी ।
[१३२ प्र.] भगवन् ! पूर्वानुपूर्वी का क्या स्वरूप है ?
[ १३२ उ.] आयुष्मन् ! पूर्वानुपूर्वी का स्वरूप इस प्रकार जानना चाहिए – १. धर्मास्तिकाय, २. अधर्मास्तिकाय, ३. आकाशास्तिकाय, ४. जीवास्तिकाय, ५. पुद्गलास्तिकाय, ६. अद्धाकाल । इस प्रकार अनुक्रम से निक्षेप करने को पूर्वानुपूर्वी कहते हैं ।
पश्चानुपूर्वी
१३३. से किं तं पच्छाणुपुव्वी ?
पच्छाणुपुवी अद्धासमए ६ पोग्गलत्थिकाए ५ जीवत्थिकाए ४ आगासत्थिकाए ३ अधम्मत्थिकाए २ धम्मथिका १ । से तं पच्छाणुपुवी ।
[१३३ प्र.] भगवन् ! पश्चानुपूर्वी का क्या स्वरूप है ?
[१३३ उ.] आयुष्मन् ! पश्चानुपूर्व का स्वरूप इस प्रकार है कि ६. अद्धासमय, ५. पुद्गलास्तिकाय, ४. जीवास्तिकाय, ३. आकाशास्तिकाय, २. अधर्मास्तिकाय और १. धर्मास्तिकाय । इस प्रकार के विलोमक्रम से निक्षेपण करने को पश्चानुपूर्वी कहते हैं ।