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________________ विषयानुक्रम PE * * ,, 2 विषय अर्हत्स्तुति महावीरस्तुति संघ-नगर-स्तुति संघ-चक्र की स्तुति संघ-रथ की स्तुति संघ-पद्म की स्तुति संघ-चन्द्र की स्तुति संघ-सूर्य की स्तुति संघ-समुद्र की स्तुति संघ-महामन्दर-स्तुति अन्य प्रकार से संघमेरु की स्तुति संघस्तुति विषयक उपसंहार चतुर्विंशति-जिनस्तुति गणधरावली वीरशासन की महिमा युगप्रधान स्थविरावलि का-वंदन श्रोताओं के विविध प्रकार परिषद् के तीन प्रकार ज्ञान के पांच प्रकार प्रत्यक्ष और परोक्ष प्रमाण प्रत्यक्ष के भेद सांव्यवहारिक प्रत्यक्ष के प्रकार पारमार्थिक प्रत्यक्ष के तीन भेद अवधिज्ञान के छह भेद आनुगामिक अवधिज्ञान अन्तगत और मध्यगत में विशेषता अनानुगामिक अवधिज्ञान वर्धमान अवधिज्ञान अवधिज्ञान का जघन्य क्षेत्र अवधिज्ञान का उत्कृष्ट क्षेत्र अवधिज्ञान का मध्यम क्षेत्र पृष्ठ विषय ३ हीयमान अवधिज्ञान ४ प्रतिपाति अवधिज्ञान ४ अप्रतिपाति अवधिज्ञान ५ द्रव्यादिक्रम से अवधिज्ञान का निरूपण ५ अवधिज्ञान विषयक उपसंहार ६ अबाह्य-बाह्य अवधिज्ञान ६ मनःपर्यवज्ञान ७ मनःपर्यवज्ञान के भेद ७ ऋजुमति और विपुलमति में अन्तर ८ अवधि और मनःपर्यवज्ञान में अन्तर मनःपर्यवज्ञान का उपसंहार ११ केवलज्ञान ११ सिद्धकेवलज्ञान ११ सत्पदप्ररूपणा १२ द्रव्यद्वार क्षेत्रद्वार १८ स्पर्शनाद्वार कालद्वार अन्तरद्वार भावद्वार २८ अल्पबहुत्वद्वार अनन्तरसिद्ध-केवलज्ञान ३० परस्परसिद्ध-केवलज्ञान ३२ युगपत् उपयोगवाद ३३ एकान्तर उपयोगवाद ३५ अभिन्न उपयोगवाद ३६ केवलज्ञान का उपसंहार ३७ वाग्योग और श्रुत ३७ . परोक्ष ज्ञान ३८ मति और श्रुत के दो रूप ३९ आभिनिबोधिक ज्ञान के दो भेद । (३१) १२ 0 08666,
SR No.003467
Book TitleAgam 31 Chulika 01 Nandi Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorDevvachak
AuthorMadhukarmuni, Kamla Jain, Shreechand Surana
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages253
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Philosophy, & agam_nandisutra
File Size17 MB
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