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________________ साध्वी को एकाकी गमन करने का निषेध साध्वी को वस्त्र - पात्र रहित होने का निषेध साध्वी को प्रतिज्ञाबद्ध होकर आसनादि करने का निषेध आकुंचनपट्टक के धारण करने का विधि-निषेध अवलंबनयुक्त आसन के विधि-निषेध सविसाण पीठ आदि के विधि-निषेध सवृंत तुम्ब - पात्र के विधि - निषेध सवृंत पात्रकेसरिका के विधि-निषेध दण्डयुक्त पादप्रोंछन के विधि-निषेध परस्पर मोक आदान-प्रदान के विधि - निषेध आहार - औषध परिवासित रखने के विधि-निषेध परिहारिक भिक्षु का दोषसेवन एवं प्रायश्चित्त पुलाक-भक्त ग्रहण हो जाने पर गोचरी जाने का विधि-निषेध पांचवें उद्देशक का सारांश छट्ठा उद्देश अकल्प्य वचनप्रयोग का निषेध असत्य आक्षेपकर्त्ता को उसी प्रायश्चित्त का विधान साधु-साध्वी के परस्पर कण्टक आदि निकालने का विधान साधु द्वारा साध्वी को अवलम्बन देने का विधान संयमनाशक छह स्थान छह प्रकार की कल्पस्थिति छट्ठे उद्देशक का सारांश व्यवहारसूत्र ( २५९ - ४५८ ) प्रथम उद्देशक कपटसहित तथा कपटरहित आलोचक को प्रायश्चित्त देने की विधि परिहारकल्पस्थित भिक्षु का वैयावृत्य के लिए विहार अकेले विचरने वाले का गण में पुनरागमन पार्श्वस्थ - विहारी आदि का गण में पुनरागमन संयम छोड़कर जाने वाले का गण में पुनरागमन आलोचना करने का क्रम प्रथम उद्देशक का सारांश ७७ २३७ २३७ २३८ २४० २४१ २४१ २४२ २४२ २४२ २४३ २४३ २४५ २४५ २४६ २४९ २४९ २५१ २५२ २५४ २५६ २५७ २६१ २६९ २७२ २७६ २८१ २८२ २८६
SR No.003463
Book TitleTrini Chedsutrani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Kanhaiyalal Maharaj, Trilokmuni, Devendramuni, Ratanmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages550
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, agam_bruhatkalpa, agam_vyavahara, & agam_dashashrutaskandh
File Size11 MB
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