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________________ ३६६ ] [जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र भगवन् ! नक्षत्रमण्डल की लम्बाई-चौड़ाई, परिधि तथा ऊँचाई कितनी बतलाई गई है ? गौतम ! नक्षत्रमण्डल की लम्बाई-चौड़ाई दो कोस, उसकी परिधि लम्बाई-चौड़ाई से कुछ अधिक तीन गुनी तथा ऊँचाई एक कोस बतलाई गई है। भगवन् ! जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से सर्वाभ्यन्तर नक्षत्रमण्डल अव्यवहित रूप में कितनी दूरी पर बतलाया गया है ? गौतम ! जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से सर्वाभ्यन्तर नक्षत्रमण्डल अव्यवहित रूप में ४४८२० योजन की दूरी पर बतलाया गया है। भगवन् ! जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से सर्वबाह्य नक्षत्रमण्डल अव्यवहित रूप में कितनी दूरी पर बतलाया गया है ? गौतम ! जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से सर्वबाह्य नक्षत्रमण्डल अव्यवहित रूप में ४५३३० योजन की दूरी पर बतलाया गया है। भगवन् ! सर्वाभ्यन्तर नक्षत्रमण्डल की लम्बाई-चौड़ाई तथा परिधि कितनी बतलाई गई है ? गौतम ! सर्वाभ्यन्तर नक्षत्रमण्डल की लम्बाई-चौड़ाई ९९६४० योजन तथा परिधि कुछ अधिक ३१५०८९ योजन बतलाई गई है। भगवन् ! सर्वबाह्य नक्षत्रमण्डल की लम्बाई-चौड़ाई तथा परिधि कितनी बतलाई गई है ? गौतम ! सर्वबाह्य नक्षत्रमण्डल की लम्बाई-चौड़ाई १००६६० योजन तथा परिधि ३१८३१५ योजन बतलाई गई है। भगवन् ! जब नक्षत्र सर्वाभ्यन्तर मण्डल का उपसंक्रमण कर गति करते हैं तो एक मुहूर्त में कितना क्षेत्र पार करते हैं ? गौतम ! वे ५२६५१८२६३) ....योजन क्षेत्र पार करते हैं। भगवन् ! जब नक्षत्र सर्वबाह्य मण्डल का उपसंक्रमण कर गति करते हैं तो वे प्रतिमुहूर्त कितना क्षेत्र पार करते हैं ? गौतम ! वे प्रतिमुहूर्त ५३१९१६३६५.....योजन क्षेत्र पार करते हैं। भगवन् ! वे आठ नक्षत्रमण्डल कितने चन्द्रमण्डलों में समवसृत-अन्तर्भूत होते हैं ? गौतम ! वे पहले, तीसरे, छठे, सातवें, आठवें, दसवें, ग्यारहवें तथा पन्द्रहवें चन्द्र-मण्डल में-यों आठ चन्द्र मण्डलों में समवसृत होते हैं। भगवन् ! चन्द्रमा एक मुहूर्त में मण्डल-परिधि का कितना भाग अतिक्रान्त करता है ? गौतम ! चन्द्रमा जिस जिस मण्डल का उपसंक्रमण कर गति करता है, उस उस मण्डल की परिधि का १७६८, ... भाग अतिक्रान्त करता है। १०९८००
SR No.003460
Book TitleAgam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Chhaganlal Shastri, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1986
Total Pages482
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Geography, & agam_jambudwipapragnapti
File Size10 MB
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