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________________ चतुर्थ वक्षस्कार] [२५९ दक्खिणिल्ले णं कूले इमें विजया, तं जहा पम्हे सुपम्हे महापम्हे, चउत्थे पम्हगावई। संखे कुमुए णलिणे, अट्ठमे णलिणावई॥१॥ इमाओ रायहाणीओ, तंजहा-१ । आसपुरा सीहपुरा महापुरा चेव हवइ विजयपुरा। अवराइआ य अरया, असोग तह वीअसोगा य ॥२॥ इमे वक्खारा, तंजहा-अंके, पम्हे, आसीविसे, सहावहे, एवं इत्थ परिवाडीए दो दो विजया कूडसरिस-णामया भाणिअव्वा, दिसा विदिसाओ अ भाणिअव्वाओ, सीओआमुहवणं च भाणिअव्वं सीओआए दाहिणिल्लं उत्तरिल्लं च। सीओआए उत्तरिल्ले पासे इमे विजया, तंजहा . वप्पे सुवप्पे महावप्पे, चउत्थे वप्पयावई। वग्गू अ सुवग्गू अ, गन्धिले गन्धिलावई॥१॥ रायहाणिओ इमाओ, तं जहा विजया वेजयन्ती, जयन्ती अपराजिआ। चक्कपुरा खग्गपुरा, हवइ अवज्झा अउज्झा य॥२॥ इमे वक्खारा, तं जहा-चन्दपव्वए १, सूरपव्वए २, नागपव्वए ३, देवपव्वए ४। इमाओ णईओ सीओआए महाणईए दाहिणिल्ले कूले-खीरोआ सीहसोआ अंतरवाहिणीओ णईओ ३, उम्मिमालिणी १, फेणमालिणी २, गंभीरमालिणी ३, उत्तरिल्लविजयाणन्तराउत्ति। इत्थ परिवाडीए दो दो कूडा विजयसरिसणामया भाणिअव्वा, इमे दो दो कूडा अवट्ठिआ, तं जहा-सिद्धाययणकूडे पव्वयसरिसणामकूडे। [१३१] पक्ष्म विजय है, अश्वपुरी राजधानी है, अंकावती वक्षस्कार पर्वत है। सुपक्ष्म विजय है, सिंहपुरी राजधानी है, क्षीरोदा महानदी है। महापक्ष्म विजय है। महापुरी राजधानी है, पक्ष्मावती वक्षस्कार पर्वत है। पक्ष्मकावती विजय है, विजयपुरी राजधानी है, शीतस्रोता महानदी है। शंख विजय है, अपराजिता राजधानी है, आशीविष वक्षस्कार पर्वत है। कुमुद विजय है, अरजा राजधानी है, अन्तर्वाहिनी महानदी है। नलिन विजय है, अशोका राजधानी है, सुखावह वक्षस्कार पर्वत है। नलिनावती (सलिलावती) विजय है, वीताशोका राजधानी है। दाक्षिणात्य शीतोदामुख वनखण्ड है। इसी की ज्यों उत्तरी शीतोदामुख वनखण्ड है। उत्तरी शीतोदामुख वनखण्ड में वप्र विजय है, विजया राजधानी है, चन्द्र वक्षस्कार पर्वत है। सुवप्र विजय है, वैजयन्ती राजधानी है, ऊर्मिमालिनी नदी है। महावप्र विजय है, जयन्ती राजधानी है, सूर वक्षस्कार पर्वत है। वप्रावती विजय है, अपराजिता राजधानी है, फेनमालिनी नदी है। वल्गु विजय है, चक्रपुरी राजधानी
SR No.003460
Book TitleAgam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Chhaganlal Shastri, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1986
Total Pages482
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Geography, & agam_jambudwipapragnapti
File Size10 MB
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