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चतुर्थ वक्षस्कार
क्षुल्ल हिमवान्
८९. कहि णं भंते ! जम्बूद्दीवे दीवे चुल्लहिमवंते णामं वासहर-पव्वए पण्णत्ते ?
गोयमा ! हेमवयस्स वासस्स दाहिणेणं, भरहस्सवासस्स उत्तरेणं, पुरथिमलवणसमुदस्स पच्चत्थिमेणं, पच्चत्थिमलवणसमुद्दस्स पुरत्थिमेणं एत्थ णं जम्बूद्दीवे दीवे चुल्लहिमवंते णामं वासहरपव्वए पण्णत्ते। पाईण-पडीणायए, उदीण-दाहिण-वित्थिपणे, दुहा लवणसमुदं पुढे, पुरथिमिल्लाए कोडीए पुरथिमिल्लं लवणसमुदं पुढे, पच्चत्थिमिल्लाए कोडीए पच्चत्थिमिल्लाए लवणसमुदं पुढे। एगंजोअण-सयं उद्धं उच्चत्तेणं पणवीसंजोअणाई उव्वेहेणं, एगं जोअणसहस्सं वावण्णं च जोअणाई दुवालस य एगूणवीसइ भाए जोअणस्स विक्खंभेणंति।
तस्स बाहा पुरत्थिम-पच्चत्थिमेणं पंच जोअणसहस्साइंतिण्णि अपण्णासे जोअणसए पण्णरस य एगूणवीसइभाए जोअणस्स अद्धभागं च आयामेणं, तस्स जीवा उत्तरेणं पाईणपडीणायया (पुरथिमिल्लाए कोडीए पुरथिमिल्ललवणसमुदं पुट्ठा,) पच्चथिमिल्लाए कोडीए पच्चथिमिल्लंलवणसमुदं पुट्ठा, चउव्वीसंजोअण-सहस्साइंणव य बत्तीसे जोअणसए अद्धभागं च किंचि विसेसूणा आयामेणं पण्णत्ता। तीसे धणु-पुढे दाहिणेणं पणवीसं जोअण-सहस्साइं दोण्णि अ तीसे जोअणसए चत्तारि अ एगूणवीसइभाए जोअणस्स परिक्खेवेणं पण्णत्ते, रुअगसंठाणसंठिए, सव्वकणगामए, अच्छे, सण्हे तहेव जाव' पडिरूवे, उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइआहिं दोहि अवणसंडेहिं संपरिक्खित्ते दुण्हवि पमाणं वण्णगोत्ति।
चुल्लहिमवंतस्स वासहर-पव्वयस्स उवरिं बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे पण्णत्ते, से जहाणामए आलिंगपुक्खरेइ वा जाव बहवे वाणमंतरा देवा य देवीओ अ जाव विहरंति।
[८९] भगवन् ! जम्बूद्वीप में चुल्ल हिमवान् नामक वर्षधर पर्वत कहाँ (बतलाया गया) है ?
गौतम ! जम्बूद्वीप में चुल्ल हिमवान् नामक वर्षधर पर्वत हैमवतक्षेत्र के दक्षिण में, भरत क्षेत्र के उत्तर में, पूर्वी लवणसमुद्र के पश्चिम में तथा पश्चिमी लवणसमुद्र के पूर्व में बतलाया गया है। वह पूर्वपश्चिम लम्बा तथा उत्तर-दक्षिण चौड़ा है। वह दो ओर से लवणसमुद्र को छुए हुए है। अपनी पूर्वी-कोटि से-किनारे से पूर्वी लवणसमुद्र को छुए हुए है तथा पश्चिमी कोटि से पश्चिमी लवणसमुद्र को छुए है। वह एक सौ योजन ऊँचा है। पच्चीस योजन भूगत है-भूमि में गड़ा है। वह १०५२१२). योजस चौड़ा है।
१. देखें सूत्र संख्या ४ २. देखें सूत्र संख्या ६ ३. देखें सूत्र संख्या १२