________________
६२]
[जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र
५१. गरुड़व्यूह-गरुड़ के आकार की सैन्य-रचना, ५२. शकटव्यूह-गाड़ी के आकार की सैन्य-रचना, ५३. युद्ध, ५४. नियुद्ध-मल्ल-युद्ध, ५५. युद्धातियुद्ध-घमासान युद्ध, जहाँ दोनों ओर के मरे हुए सैनिकों के ढेर लग जाएँ, ५६. दृष्टियुद्ध-योद्धा तथा प्रतियोद्धा का आमने-सामने निर्निमेष नेत्रों के साथ अपने प्रतिद्वन्द्वी को
देखते हुए अवस्थित होना, ५७. मुष्टियुद्ध-दो योद्धाओं का परस्पर मुक्कों से लड़ना, ५८. बाहुयुद्ध-योद्धा-प्रतियोद्धा द्वारा एक दूसरे को अपनी फैलायी हुई भुजाओं में प्रतिबद्ध करना, ५९. लतायुद्ध-जिस प्रकार लता मूल से लेकर चोटी तक वृक्ष पर चढ़ जाती है, उसी प्रकार एक ___ योद्धा द्वारा दूसरे योद्धा को आवेष्टित करना, उसे प्रगाढ़ रूप में निष्पीडित करना, ६०. इषुशास्त्र-नागबाण आदि दिव्यास्त्रसूचक शास्त्र ६१. त्सरुप्रवाद-खड्ग-शिक्षाशास्त्र-तलवार चलाने की कला ६२. धनुर्वेद-धनुर्विद्या, ६३. हिरण्यपाक-रजतसिद्धि, ६४. स्वर्णपाक-स्वर्णसिद्धि, ६५. सूत्र-खेल-सूत्र-क्रीड़ा, ६६. वस्त्र-खेल-वस्त्र-क्रीडा, ६७. नालिका-खेल-चूत-विशेष, ६८. पत्र-छेद्य-एक सौ आठ पत्तों के बीच में विवक्षित संख्या के पत्ते के छेदन में हाथ की चतुराई, ६९. कट-छेद्य-पर्वत-भूमि छेदन की कला, ७०. सजीवकरण-मृत धातुओं को उनके स्वाभाविक स्वरूप में पहुँचाना, ७१. निर्जीवकरण-स्वर्ण आदि धातुओं को मारना, पारद को मूर्च्छित करना, ७२. शकुनिरुत-पक्षियों की बोली का ज्ञान, उससे शुभ-अशुभ शकुन की पहचान। स्त्रियों की ६४ कलाओं का प्रस्तुत सूत्र में उल्लेख हुआ है। वे निम्नांकित हैं१. नृत्य
२. औचित्य ३. चित्र
४. वादित ५. मन्त्र
६. तन्त्र ७. ज्ञान
८. विज्ञान ९. दम्भ
१०. जलस्तम्भ ११. गीत-मान
१२. ताल-मान