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________________ [प्रज्ञापनासूत्र] [६३ [३] एगिदिया णं भंते! सम्मामिच्छत्तवेयणिजस्स (कम्मस्स) किं बंधंति ? गोयमा! णत्थि किचि बंधंति ? [१७०८-३ प्र.] भगवन्! एकेन्द्रिय जीव सम्यग्मिथ्यात्ववेदनीय (मोहनीय-कर्म) कितने काल तक का बांधते हैं ? [१७०८-३ उ.] गौतम! वे किसी काल का नहीं बांधते । [४] एगिंदिया णं भंते! कसायबारसगस्स किं बंधंति ? गोयमा? जहण्णेणं सागरोवमस्स चत्तारि सत्तभागे पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणए, उक्कोसेणं ते चेव पडिपुण्णे बंधति । [१७०८-४ प्र.] भगवन्! एकेन्द्रिय जीव कषायद्वादशक का कितने काल का बन्ध करते हैं ? [१७०८-४ उ.] गौतम ! वे जघन्य पल्योपम के असंख्यातवें भाग कम सागरोपम के ४/७ भाग और उत्कृष्ट वही परिपूर्ण बांधते हैं। [५] एवं कोहसंजलणाए वि जाव लोभसंजलणाए वि । [१७०८-५] इसी प्रकार यावत् संज्वलन क्रोध से लेकर यावत् संज्वलन लोभ तक बांधते हैं । [६] इत्थिवेयस्स जहा सायावेयणिजस्स (सु. १७०७ [१])। [१७०८-६] स्त्रीवेद का बन्धकाल सातावेदनीय (सू. १७०७-१ में उक्त) के बन्धकाल के समान जानना। [७] एगिंदिया पुरिसवेदस्स कम्मस्स जहण्णेणं सागरोवमस्सं एकं सत्तभागं पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणयं, उक्कोसेणं तं चेव पडिपुण्णं बंधंति। [१७०८-७] एकेन्द्रिय जीव जघन्यतः पुरुषवेदकर्म का पल्योपम के असंख्यातवें भाग कम सागरोपम का १/५ भाग बांधते हैं और उत्कृष्टतः वही १/७ भाग पूरा बांधते हैं। [८] एगिंदिया णपुंसगवेदस्स कम्मस्स जहण्णेणं सागरोवमस्स दो सत्तभागे पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणए, उक्कोसेणं ते चेव पडिपुण्णे बंधंति। [१७०८-८] एकेन्द्रिय जीव नपुंसकवेदकर्म का जघन्य पल्योपम के असंख्यातवें भाग कम सागरोपम का १/७ भाग बांधते हैं और उत्कृष्ट वही २/७ भाग परिपूर्ण बाँधते हैं। [९] हास-रतीए जहा पुरिसवेयस्स (सु. १७०८ [७])। [१७०८-९] हास्य और रति का बन्धकाल पुरुषवेद (सू. १७०८-७ में उक्त) के समान जानना। [१०] अरति-भय-सोग-दुगुंछाए जहा णपुंसगवेयस्स (सु. १७०८ [८])। [१७०८-१०]अरति, भय, शोक, और जुगुप्सा का बन्धकाल नपुंसकवेद के समान जानना चाहिए।
SR No.003458
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 03 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorShyamacharya
AuthorMadhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1986
Total Pages411
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_pragyapana
File Size25 MB
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