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________________ २५६] [प्रज्ञापनासूत्र] विशेषाधिक हैं? । [२१२५ उ.] गौतम ! सबसे कम आहारकसमुद्घात से समवहत जीव हैं, (उनसे) केवलिसमुद्घात से समवहत जीव संख्यातगुणा हैं, (उनसे ) तैजससमुद्घात से समवहत जीव असंख्यातगुणा हैं, (उनसे) वैक्रियसमुद्घात से समवहत जीव असंख्यातगुणा हैं, (उनसे) मारणान्तिकसमुद्घात से समवहत जीव अनन्तगुणा हैं, (उनसे) कषायसमुद्घात से समवहत जीव असंख्यातगुणा हैं, (उनसे) वेदनासमुद्घात से समवहत जीव विशेषाधिक हैं और (इन सबसे) असमवहत जीव असंख्यातगुणा हैं। २१२६. एतेसि णं भंते ! णेरइयाणं वेदणासमुग्घाएणं कसायसमुग्घाएणं मारणंतियसमुग्घाएणं वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहयाणं असमोहयाणं य कतरे कतरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा? गोयमा! सव्वत्थोवा णेरइया मारणंतियसमुग्घाएणं समोहया, वेउब्वियसमुग्घाएणं समोहया असंखेजगुणा, कसायसमुग्घाएणं समोहया संखेजगुणा, वेदणासमुग्घाएणं समोहया संखेजगुणा, असमोहया संखेजगुणा। [२१२६ प्र.] भगवन् ! इन वेदनासमुद्घात से, कषायसमुद्घात से, मारणान्तिकसमुद्घात से एवं वैक्रियसमुद्घात से समवहत और असमवहत नैरयिकों में कौन किससे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ? ___[२१२६ उ.] गौतम ! सबसे कम मारणान्तिकसमुद्घात से समवहत नैरयिक हैं, (उनसे ) वैक्रियसमुद्घात से समवहत नैरयिक असंख्यातगुणा हैं, (उनसे) कषायसमुद्घात से समवहत नैरयिक संख्यातगुणा हैं, (उनसे) वेदनासमुद्घात से समवहत नारक संख्यातगुणा हैं और (इन सबसे) असमवहत नारक संख्यातगुणा हैं। . २१२७.[१] एतेसिणं भंते! असुरकुमाराणं वेदणासमुग्घाएणं कसायसमुग्घाएणं मारणंतियसमुग्घाएणं वेउब्वियसमुग्घाएणं तेयगसमुग्घाएणं समोहयाणं असमोहयाण य कतरे कतरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा? गोयमा ! सव्वत्थोवा असुरकुामरा तेयगसमुग्घाएणं समोहया, मारणंतियसमुग्धाएणं समोहया असंखेज्जगुणा, वेयणासमुग्घाएणं समोहया असंखेजगुणा, कसायसमुग्घाएणं समोहया संखेजगुणा, वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहया संखेजगुणा, असमोहया असंखेजगुणा। [२१२७-१ प्र.] भगवन् ! इन वेदनासमुद्घात से, कषायसमुद्घात से, मारणान्तिकसमुद्घात से, वैक्रियसमुद्घात से तथा तैजससमुद्घात से समवहत एवं असमवहत असुरकुमारों में से कौन किससे अल्प बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं? [२१२७-१ उ.] गौतम! सबसे कम तैजससमुद्घात से समवहत असुरकुमार हैं, (उनसे) मारणान्तिकसमुद्घात से समवहत असुरकुमार असंख्यातगुणा हैं, (उनसे) वेदनासमुद्घात से समवहत असुरकुमार असंख्यातगुणा हैं, (उनसे) कषायसमुद्घात से समवहत असुरकुमार संख्यातगुणा हैं, (उनसे) वैक्रियसमुद्घात से समवहत असुरकुमार संख्यातगुणा हैं और (इन सबसे) असंख्यातगुणा अधिक हैं-असमवहत असुरकुमार।
SR No.003458
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 03 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorShyamacharya
AuthorMadhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1986
Total Pages411
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_pragyapana
File Size25 MB
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