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________________ [ उनतीसवाँ उपयोगपद ] [१५५ गोमा ! एगे अचक्खुदंसणाणागारोवओगे पण्णत्ते । [१९१८ प्र.] भगवन्! पृथ्वीकायिक जीवों का अनाकारोपयोग कितने प्रकार का कहा गया है ? [१९१८ उ.] गौतम! उनका एकमात्र अचक्षुदर्शन-अनाकारोपयोग कहा गया है। १९१९. एवं जाव वणस्सइकाइयाणं । [१९१९] इसी प्रकार यावत् वनस्पतिकायिक जीवों तक (के विषय में जानना चाहिए।) १९२०. बेइंदियाणं पुच्छा । गोयमा! दुविहे उवओगे पण्णत्ते । तं जहा- सागारे अणागारे य । [१९२० प्र.] भगवन्! द्वीन्द्रिय जीवों के उपयोग के विषय में पृच्छा है। [१९२० उ.] गौतम! उनका उपयोग दो प्रकार का कहा गया है, यथा - १९२१. बेइंदियाणं भंते! सागारोवओगे कतिविहे पण्णत्ते ? गोयमा! चउव्विहे पण्णत्ते । तं जहा - आभिणिबोहियणाणसागारोवओगे १ सुयणाणसागारोवओगे २ मतिअण्णाणसागारोवओगे ३ सुयअण्णाणसागारोवओगे ४ । [१९२१ प्र.] भगवन्! द्वीन्द्रिय जीवों का साकारोपयोग कितने प्रकार का कहा गया है ? साकारोपयोग और अनाकारोपयोग । [१९२१ उ.] गौतमं! उनका उपयोग चार प्रकार का कहा गया है । यथा - (१) आभिनिबोधिकज्ञानसाकारोपयोग, (२) श्रुतज्ञान- साकारोपयोग, (३) मति- अज्ञान - साकारोपयोग और (४) श्रुत- अज्ञान - साकारोपयोग । १९२२. बेइंदियाणं भंते! अणागारोवओगे कतिविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! एगे अचक्खुदंसणअणागारोवओगे । [१९२२ प्र.] भगवन्! द्वीन्द्रिय जीवों का अनाकारोपयोग कितने प्रकार का कहा गया है ? [१९२२ उ.] गौतम! उनका एक ही अचक्षुदर्शन-अनाकारोपयोग है। १९२३. एवं तेइंदियाण वि । [१९२३] इसी प्रकार त्रीन्द्रिय जीवों (के साकारोपयोग और अनाकारोपयोग) का ( कथन करना चाहिए ।) १९२४. चउरिंदियाण वि एवं चेव । णवरं अणागारोवओग दुविहे पण्णत्ते । तं जहाचक्खुदंसणअणागारोवओगे य अचक्खुदंसणअणागारोवओगे य । [१९२४] चतुरिन्द्रिय जीवों के विषय में भी इसी प्रकार कहना चाहिए। किन्तु उनका अनाकारोपयोग दो प्रकार का कहा है, यथा-चक्षुदर्शन - अनाकारोपयोग और अचक्षुदर्शन-अनाकारोपयोग । १९२५. पंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं जहा णेरइयाणं (सु. १९१२-१४)।
SR No.003458
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 03 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorShyamacharya
AuthorMadhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1986
Total Pages411
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_pragyapana
File Size25 MB
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