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________________ २५६] [प्रज्ञापनासूत्र नोभवोपपातगति (से लेकर) यावत् अनेकसिद्ध-अनन्तरसिद्ध-नोभवोपपातगति । यह हुआ उस अनन्तरसिद्ध-नोभवोपपातगति का निरूपण । ११०४. से किं तं परंपरसिद्धणोभवोववातगती ? परंपरसिद्धणोभवोववातगती अणेगविहा पण्णत्ता ।तंजहा -अपढमसमयसिद्धणोभवोववातगती एवं दुसमयसिद्धणोभवोववातगती जाव अणंतसमयसिद्धणोभवोववातगती । से त्तं परंपरसिद्धणोभवोववातगती । से त्तं सिद्धणोभवोववातगती । से तं णोभवोववायगती ३ । सेत्तं उववातगती। [११०४ प्र.] परम्परसिद्ध-नोभवोपपातगति कितने प्रकार की है ? [११०४ उ.] परम्परसिद्ध-नोभवोपपातगति अनेक प्रकार की कही गई है। वह इस प्रकारअप्रथमसमयसिद्ध-नोभवोपपातगति, एवं द्विसमयसिद्ध-नोभवोपपातगति यावत् (त्रिसमय से लेकर संख्यातसमय, असंख्यातसमयसिद्ध) अनन्तसमयसिद्ध-नोभवोपपातगति। यह हुआ परम्परसिद्ध-नोभवोपपातगति (का निरूपण। इसके साथ ही) उक्त सिद्ध-नोभवोपपातगति (का वर्णन हुआ। तदनुसार) पूर्वोक्त नोभवोपपातगति (की प्ररूपणा समाप्त हुई।) (इसकी समाप्ति के साथ ही) उपपातगति (का वर्णन पूर्ण हुआ ।) ११०५. से किं तं विहायगती ? विहायगती सत्तरसविहा पण्णत्ता । तं जहा - फुसमाणगती १ अफुसमाणगती २ उवसंपजमाणगती ३ अणुवसंपजमाणगती ४ पोग्गलगती मंडूयगती ६ णावागती ७ णयगती ८ छायागती ९ छायाणुवायगती १० लेसागती ११ लेस्साणुवायगती १२ उहिस्सपविभत्तगती १३ चउपुरिसपविभत्तगती १४ वंकगती १५ पंकगती १६ बंधणविमोयणगती १७ । [११०५ प्र.] विहायोगति कितने प्रकार है ? - [११०५ उ.] विहायोगति सत्तरह प्रकार की कही गई है। वह इस प्रकार- (१) स्पृशद्गति, २. अस्पृशद्गति, ३. उपसम्पद्यमानगति, ४. अनुपसम्पद्यमानगति, ५. पुद्गलगति, ६. मण्डूकगति, ७. नौकागति, ८. नयगति, ९. छायागति, १०. छायानुपातगति, ११. लेश्यागति, १२. लेश्यानुपातगति, १३. उद्दिश्यप्रविभक्तगति, १४. चतुःपुरुषप्रविभक्तगति, १५. वक्रगति, १६. पंकगति और १७. बन्धनविमोचनगति । ११०६. से किं तं फुसमाणगती ? फुसमाणगती जण्णं परमाणुपोग्गले दुपदेसिय जाव अणंतपदेसियाणं खंधाणं अण्णमण्णं फुसित्ता णं गती पवत्तइ । सेत्तं फुसमाणगती १ । [११०६ प्र.] वह स्पृशद्गति क्या है ? [११०६ उ.] परमाणु पुद्गल की अथवा द्विप्रदेशी (से लेकर) यावत् (त्रिप्रदेशी, चतुःप्रदेशी, पंचप्रदेशी,
SR No.003457
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 02 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorShyamacharya
AuthorMadhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1984
Total Pages545
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_pragyapana
File Size11 MB
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