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________________ २१०] [प्रज्ञापनासूत्र आठ होती हैं ? [प्र.] (उसकी) बद्ध द्रव्येन्द्रियाँ कितनी होती हैं ? [उ.] गौतम ! नहीं होती हैं । [प्र.] (भगवन् ! उसकी) पुरस्कृत द्रव्येद्रिव्याँ कितनी होती हैं? [उ.] गौतम ! किसी की होती हैं किसी की नहीं होती हैं। जिसकी होती हैं, उसकी आठ होती हैं । १०४४. वाणमंतर-जोतिसिए जहा णेरइए (सु. १०४१)। [१०४४] वाणव्यन्तर और ज्योतिष्क देव की तथारूप में अतीत, बद्ध और पुरस्कृत द्रव्येन्द्रियों की वक्तव्यता (सू. १०४१ में उल्लिखित) नैरयिक की वक्तव्यता के समान कहना चाहिए । १०४५.[१] सोहम्मगदेवे वि जहा णेरइए (सु. १०४१)। णवरं सोहम्मगदेवस्स विजय-वेजयंत-जयंत-अपराजियत्ते केवतिया दक्विंदिया अतीता ? गोयमा ! कस्सइ अस्थि कस्सइ णत्थि, जस्सऽस्थि अट्ठ । केवतिया बद्धेल्लगा? गोयमा ! णत्थि । केवतिया पुरेक्खडा? गोयमा ! कस्सइ अस्थि कस्सइ णत्थि, जस्सऽथि अट्ठ वा सोलस वा । सव्वट्ठसिद्धगदेवत्ते जहा णेरइयस्स । [१०४५-१] सौधर्मकल्प देव की (तथारूप में अतीतादि द्रव्येन्द्रियों की वक्तव्यता) भी (सू.१०४१ में अंकित) नैरयिक की (वक्तव्यता के समान कहना चाहिए ।) [प्र.] विशेष यह है कि सौधर्मदेव की विजय, वैजयन्त जयन्त और अपराजितदेवत्व के रूप में कितनी अतीत द्रव्येन्द्रियाँ हैं ? [उ.] गौतम ! किसी की होती हैं, किसी की नहीं होती हैं । जिसकी होती हैं, उसकी आठ होती हैं । [प्र.] (उसकी) बद्ध द्रव्येन्द्रियाँ कितनी हैं ? [उ.] गौतम ! नहीं हैं। [प्र.] (उसकी) पुरस्कृत द्रव्येन्द्रियाँ कितनी हैं ? [उ.] गौतम ! किसी की होती हैं, किसी की नहीं होती हैं । जिसकी होती हैं, आठ या सोलह होती हैं।
SR No.003457
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 02 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorShyamacharya
AuthorMadhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1984
Total Pages545
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_pragyapana
File Size11 MB
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