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सर्वजीवाभिगम]
[२२५ सागरोपमशतपृथक्त्व है।
भगवन् ! प्रथमसमयमनुष्य का अन्तर कितना है? गौतम! जघन्य एक समय कम दो क्षुल्लकभवग्रहण है और उत्कर्ष से वनस्पतिकाल है। अप्रथमसमयमनुष्य का अन्तर जघन्य समयाधिक क्षुल्लकभव और उत्कर्ष से वनस्पतिकाल है। देव का अन्तर नैरयिक की तरह कहना चाहिए। भगवन् ! प्रथमसमयसिद्ध का अन्तर कितना है? प्रथमसमयसिद्ध का अन्तर नहीं है।
भगवन् ! अप्रथमसमयसिद्ध का अन्तर कितना है? अप्रथमसमयसिद्ध सादि-अपर्यवसित होने से अन्तर नहीं है।
भगवन् ! प्रथमसमयनैरयिक, प्रथमसमयतिर्यग्योनिक, प्रथमसमयमनुष्य, प्रथमसमयदेव और प्रथमसमयसिद्धों में कौन किससे अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक है? ___ गौतम! सबसे थोड़े प्रथमसमयसिद्ध, उनसे प्रथमसमयमनुष्य असंख्येयगुण, उनसे प्रथमसमयनैरयिक असंख्येयगुण, उनसे प्रथमसमयदेव असंख्यातगुण और उनसे प्रथमसयमतिर्यग्योनिक असंख्येयगुण हैं। • भगवन् ! इन अप्रथमसमयनैरयिक यावत् अप्रथमसमयसिद्धों में कौन किससे अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक है?
गौतम! सबसे थोड़े अप्रथमसमयमनुष्य, उनसे अप्रथमसमयनैरयिक असंख्येयगुण, उनसे अप्रथमसमयदेव असंख्येयगुण, उनसे अप्रथमसमयसिद्ध अनन्तगुण और उनसे अप्रथमसमयतिर्यग्योनिक अनन्तगुण हैं।
भगवन्! इन प्रथमसमयनैरयिकों और अप्रथमसमयनैरयिकों में कौन किससे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं। गौतम! सबसे थोड़े प्रथमसमयनैरयिक हैं, उनसे असंख्यातगुण अप्रथमसमयनैरयिक हैं। भगवन् ! इन प्रथमसमयतिर्यग्योनिकों और अप्रथमसमयतिर्यग्योनिकों में कौन किससे अल्पादि हैं? गौतम! सबसे थोड़े प्रथमसमयतिर्यग्योनिक हैं और उनसे अप्रथमसमयतिर्यग्योनिक अनन्तगुण हैं। भगवन् ! इन प्रथमसमयमनुष्यों और अप्रथमसमयमनुष्र्यों में कौन किससे अल्पादि है? गौतम! सबसे थोड़े प्रथमसमयमनुष्य हैं, उनसे अप्रथमसमयमनुष्य असंख्यातगुण हैं। जैसा मनुष्यों के लिए कहा है, वैसा देवों के लिए भी कहना चाहिए।
भगवन् ! इन प्रथमसमयसिद्धों और अप्रथमसमयसिद्धों में कौन किससे अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक हैं?
गौतम! सबसे थोड़े प्रथसमयसिद्ध हैं, उनसे अप्रथमसमयसिद्ध अनन्तगुण हैं।
भगवन् ! इन प्रथमसमयनै र यिक , अप्रथमसमयनै रयिक , प्रथमसमयतिर्यग्यो निक, अप्रथमसमयतिर्यग्योनिक, प्रथमसमयमनुष्य, अप्रथमसमयमनुष्य, प्रथमसमयदेव, अप्रथमसमयदेव, प्रथमसमयसिद्ध और अप्रथमसमयसिद्ध, इनमें कौन किससे अल्प, बहुत्त, तुल्य या विशेषाधिक है?