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[जीवाजीवाभिगमसूत्र ___ गौतम! सबसे थोड़े प्रथमसमयसिद्ध हैं, उनसे प्रथमसमयमनुष्य असंख्यातगुण हैं, उनसे अप्रथमसमयमनुष्य असंख्यातगुण हैं, उनसे प्रथमसमयनैरयिक असंख्यातगुण हैं, उनसे प्रथमसमयदेव असंख्यातगुण हैं, उनसे प्रथमसमयतिर्यंच असंख्यातगुण हैं, उनसे अप्रथमसमयनैरयिक असंख्यातगुण हैं, उनसे अप्रथमसमयदेव असंख्यातगुण हैं, उनसे अप्रथमसमयसिद्ध अनन्तगुण हैं, उनसे अप्रथमसमय तिर्यंच अनन्तगुण हैं।
इस तरह दसविध सर्वजीव-प्रतिपत्ति का और सर्वजीवाभिगम का वर्णन समाप्त हुआ।
॥ जीवाजीवाभिगमसूत्र समाप्त ॥ (सूत्र ग्रन्थानम् ४७५०)॥