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नवविध अल्पबहुत्व
समुदायरूप में स्त्री-पुरुष - नपुंसकों की स्थिति
स्त्रियों की पुरुषों से अधिकता चतुर्विधाख्या तृतीय प्रतिपत्ति (प्रथम उद्देशक )
चार प्रकार के संसारसमापन्नक जीव
नारकावासों की संख्या घनोदधि आदि की पृच्छा
रत्नादिकाण्डों का बाहल्य रत्नप्रभादि में द्रव्यों की सत्ता नरकों का संस्थान
सातों पृथ्वियों की अलोक से दूरी घनोदधि वातवलय का तिर्यग् बाहल्य अपान्तराल और बाहल्य का यंत्र
सर्वजीव- पुद्गलों का उत्पाद ( रत्नप्रभा - पृथ्वी) शाश्वत या अशाश्वत ?
पृथ्वियों का विभागवार अन्तर बाहल्य की अपेक्षा तुल्यतादि (द्वितीय उद्देशक ) नरकभूमियों का वर्णन
नारकावासों का संस्थान
के वर्णादि
"
नारकावास कितने बड़े हैं ?
नरकावासों में विकार
उपपात
संख्याद्वार
अवगाहनादर्शक यंत्र
संहनन संस्थानद्वार
लेश्या आदि द्वार नारकों की भूख-प्यास एक-अनेक विकुर्वणा-वेदनादि नरकों में उष्णवेदना का स्वरूप नरकों में शीतवेदना का स्वरूप नैरयिकों की स्थिति स्थितिदर्शक विभिन्न यंत्र
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