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________________ ततीय प्रतिपत्ति :नागकुमारों की वक्तव्यता] [३३५ महाघोसपज्जवसाणाणं ठाणपदवत्तव्वया णिरवयवा भाणियव्वा, परिसाओ जहा धरणभूयानंदाणं।(सेसाणंभवणवईणं) दाहिणिल्लाणं जहा धरणस्स उत्तरिल्लाणंजहा भूयाणंदस्स, परिमाणं पि ठिती वि॥ [१२०] हे भगवन् ! नागकुमार देवों के भवन कहाँ कहे गये हैं ? गौतम ! जैसे स्थानपद में कहा है वैसी वक्तव्यता जानना चाहिए यावत् दक्षिणदिशवर्ती नागकुमारों के आवास का प्रश्न भी पूछना चाहिए यावत् वहाँ नागकुमारेन्द्र और नागकुमारराज धरण रहता है यावत् दिव्यभोगों को भोगता हुआ विचरता है। हे भगवन् ! नागकुमारेन्द्र नागकुमारराज धरण की कितनी परिषदाएँ हैं ? गौतम ! तीन परिषदाएँ कही गई हैं । उनके नाम वे ही हैं जो चमरेन्द्र की परिषदा के कहे हैं। हे भगवन् ! नागकुमारेन्द्र नागराज धरण की आभ्यन्तर परिषद् में कितने हजार देव हैं ? यावत् बाह्य परिषद् में कितनी सौ देवियाँ हैं ? __ गौतम ! नागकुमारेन्द्र नागकुमारराज धरण की आभ्यन्तर परिषदा में साठ हजार देव हैं, मध्यम परिषदा में सत्तर हजार देव हैं और बाह्य परिषदा में अस्सी हजार देव हैं। आभ्यन्तर परिषद् में १७५ देवियाँ हैं, मध्यम परिषद् में १५० और बाह्य परिषद् में १२५ देवियाँ हैं। ____ धरणेन्द्र नागराज की आभ्यन्तर परिषदा के देवों की कितने काल की स्थिति कही गई हैं ? मध्यम परिषदा के देवों की स्थिति और बाह्य परिषद् के देवों की स्थिति कितनी कही गई है ? आभ्यन्तर परिषद् की देवियों की स्थिति मध्यम परिषद् की देवियों की स्थिति और बाह्य परिषद् की देवियों की स्थिति कितनी कही गई है ? - गौतम ! नागराज धरणेन्द्र की आभ्यन्तर परिषद् के देवों की स्थिति कुछ अधिक आधे पल्योपम की है, मध्यम परिषद् के देवों की स्थिति आधे पल्योपम की है, बाह्य परिषद् के देवों की स्थिति कुछ कम आधे पल्योपम की है। आभ्यन्तर परिषद् की देवियों की स्थिति देशोन आधे पल्योपम की है, मध्यम परिषद् की देवियों की स्थिति कुछ अधिक पाव पल्योपम की है और बाह्य परिषद् की देवियों की स्थिति पाव पल्योपम की है। तीन प्रकार की पर्षदाओं का अर्थ आदि कथन चमरेन्द्र की तरह जानना। हे भगवन् ! उत्तर दिशा के नागकुमार देवों के भवन कहाँ कहे गये हैं आदि वर्णन स्थानपद के अनुसार जानना चाहिए यावत् वहाँ भूतानन्द नामक नागकुमारेन्द्र नागकुमारराज रहता है यावत् भोगों का उपभोग करता हुआ विचरता है। हे भगवन् ! नागकुमारेन्द्र नागकुमारराज भूतानन्द की आभ्यन्तर परिषद् में कितने हजार देव हैं, मध्यम परिषद् में कितने हजार देव हैं और बाह्य परिषद् में कितने हजार देव हैं? आभ्यन्तर परिषद् में कितनी सौ देवियाँ हैं, मध्यम परिषद् में कितनी सौ देवियाँ हैं ? और बाह्य परिषद् में कितनी सौ देवियाँ हैं ? गौतम ! नागकुमारेन्द्र नागकुमारराज भूतानन्द की आभ्यन्तर परिषद् में पचास हजार देव हैं, मध्यम
SR No.003454
Book TitleAgam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 01 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Rajendramuni, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1989
Total Pages498
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_jivajivabhigam
File Size11 MB
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