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[प्रश्नव्याकरणसूत्र : शु. १, अ.१
ऑक्साइडेशन सम्पन्न होकर ऊर्जा प्राप्त होती है । यह प्राणवायु (आक्सीजन) प्रकृति द्वारा प्रभूत मात्रा में हमें दी गई है। वायु में लगभग पांचवाँ भाग प्राणवायु का ही होता है।
शक्ति का दूसरा स्रोत है सर्य । सर्य की वेदों में अनेक मंत्रों द्वारा स्तुति की गई है, क्योंकि यही जीवनदाता है । सूर्य से ही सारा वनस्पति जगत् पैदा होता है और जीवित रहता है। इन्हीं वनस्पतियों या खाद्यान्नों से हम जीवन के लिए सत्त्व प्राप्त करते हैं। मांसाहार करने वाले भी अन्ततोगत्वा सूर्य की शक्ति पर ही निर्भर रहते हैं, क्योंकि पशु-पक्षी भी वनस्पतियां खाकर ही बढ़ते व जिन्दा रहते हैं। इसी प्रकार गर्मी, प्रकाश, विद्युत्, रासायनिक व यांत्रिक ऊर्जा भी वास्तव में आरंभिक रूप से सूर्य से ही प्राप्त होती है, यह बात अलग है कि बाद में एक प्रकार की ऊर्जा दूसरे प्रकार की ऊर्जा में परिणत होती रहती है। ___इस प्रकार हमें अस्तित्व के लिए अनिवार्य पदार्थों-वायु, ऊर्जा, खनिज, विटामिन, जल आदि में से वायु और जल प्रकृति-प्रदत्त हैं ।"ऊर्जा, शरीर में जिसकी माप के लिए 'कैलोरी' शब्द का प्रयोग किया जाता है, तीन पदार्थों कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन से प्राप्त होती है । (एक लीटर पानी को १५ डिग्री सेंटीग्रेड से १६ सेंटीग्रेड तक गर्म करने के लिए जितनी ऊष्मा या ऊर्जा की जरूरत होती है, उसे एक कैलोरी कहा जाता है।) एक ग्राम कार्बोहाइड्रेट से ४ कैलोरी, एक ग्राम वसा से ९ कैलोरी और एक ग्राम प्रोटीन से ४ कैलोरी प्राप्त होती है। इस प्रकार शरीर में ऊर्जा या शक्ति के लिए वसा और कार्बोहाइड्रेट अत्यावश्यक है।
हमारा भोजन मुख्य रूप से इन्हीं तीन तत्त्वों का संयोग होता है। भोजन खाने के बाद शरीर के भीतर होने वाली रासायनिक क्रियाओं से ही ये तत्त्व प्राप्त होते हैं। एक कुत्ते को कुत्ते का माँस खिला कर मोटा नहीं बनाया जा सकता, क्योंकि इस मांस को भी उसी प्रकार की शारीरिक रासायनिक क्रिया से गुजरना होता है । अतः यह धारणा तो भ्रान्तिमात्र ही है कि मांसाहार से शरीर में सीधी मांसवृद्धि होती है।
जब शरीर में मांस और वनस्पति-दोनों प्रकार के आहार पर समान रासायनिक प्रक्रिया होती है तो फिर हमें यह देखना चाहिए कि किस पदार्थ से शरीर को शीघ्र और सरलता से आवश्यक पोषक तत्त्व प्राप्त हो सकते हैं ?
साधारणतया एक व्यक्ति को बिल्कुल आराम की स्थिति में ७० कैलोरी प्रतिघंटा जरूरी होती है, अर्थात् पूरे दिन में लगभग १७०० कैलोरी पर्याप्त होती है । यदि व्यक्ति काम करता है तो उसकी कैलोरी की आवश्यकता बढ़ जाती है और उठने, बैठने, अन्य क्रिया करने में भी ऊर्जा की खपत होती है, अत: सामान्य पुरुषों के लिए २४००, महिला के लिए २२०० और बच्चे को १२०० से २२०० कैलोरी प्रतिदिन की जरूरत होती है।
कैलोरी का सब से सस्ता और सरल स्रोत कार्बोहाइड्रेट है। यह अनाज, दाल, शक्कर, फल व वनस्पतियों से प्राप्त किया जाता है ।..............."
___ इस प्रकार कहने की आवश्यकता नहीं कि स्वास्थ्यप्रद और संतुलित भोजन के लिए मांस का प्रयोग अनिवार्य नहीं है । जो तत्त्व सामिष आहार से प्राप्त किए जाते हैं, उतने ही और कहीं तो उससे भी अधिक तत्त्व, उतनी ही मात्रा में अनाज, दालों और दूध इत्यादि से प्राप्त किए जा सकते हैं । अतः शरीर की आवश्यकता के लिए मांस का भोजन कतई अनिवार्य नहीं है।