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________________ ६०२] [व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र [११ उ.] गौतम ! वे भवसिद्धिक हैं, अभवसिद्धिक नहीं हैं। १२. अकिरियावाई णं० पुच्छा। गोयमा ! भवसिद्धीया वि, अभवसिद्धीया वि। [१२ प्र.] भगवन् ! अक्रियावादी अनन्तरोपपन्नक नैरयिक भवसिद्धिक हैं या अभवसिद्धिक हैं ? [१२ उ.] गौतम ! वे भवसिद्धिक भी हैं और अभवसिद्धिक भी हैं। १३. एवं अन्नाणियवाई वि, वेणइयवाई वि। [१३] इसी प्रकार अज्ञानवादी और विनयवादी भी समझने चाहिए। १४. सलेस्सा णं भंते ! किरियावाई अणंतरोववन्नगा नेरइया किं भवसिद्धीया, अभवसिद्धीया? [१४ प्र.] भगवन्! सलेश्य क्रियावादी अनन्तरोपपन्नक नैरयिक भवसिद्धिक हैं अथवा अभवसिद्धिक हैं ? [१४ उ.] गौतम ! वे भवसिद्धिक हैं, अभवसिद्धिक नहीं हैं। १५. एवं एएणं अभिलावेणं जहेव ओहिए उद्देसए नेरइयाणं वत्तव्वया भणिया तहेव इह वि भाणियव्वा जाव अणागारोवउत्त त्ति। [१५] इसी प्रकार इस अभिलाप से जिस प्रकार औधिक उद्देशक में नैरयिकों की वक्तव्यता कही है, उसी प्रकार यहाँ भी अनाकारोपयुक्त तक कहनी चाहिए। १६. एवं जाव वेमाणियाणं, नवरं जं जस्स अत्थि तं तस्स भाणितव्वं। इमं से लक्खणं-जे किरियावादी सुक्कपक्खिया सम्मामिच्छद्दिट्ठी य एए सव्वे भवसिद्धीया, नो अभवसिद्धीया। सेसा सव्वे भवसिद्धीया वि, अभवसिद्धीया वि। . सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०। ॥ तीसइमे सए : बीओ उद्देसओ समत्तो॥३०-२॥ __ [१६] इसी प्रकार वैमानिक पर्यन्त कहना चाहिए; किन्तु जिसमें जो बोल हो उसके सम्बन्ध में वह कहना चाहिए। उनका लक्षण यह है कि क्रियावादी, शुक्लपाक्षिक और सम्यग्-मिथ्यादृष्टि, ये सब भवसिद्धिक हैं, अभवसिद्धिक नहीं। शेष सब भवसिद्धिक भी हैं और अभवसिद्धिक भी हैं। 'हे भगवन् ! यह इसी प्रकार है, भगवन् ! यह इसी प्रकार है', यों कह कर गौतम स्वामी यावत् विचरते हैं। विवेचन–अनन्तरोपपन्नकों की भवसिद्धिक-अभवसिद्धिक चर्चा : निष्कर्ष-अनन्तरोपपन्नकों में नैरयिकों से वैमानिकों तक जो क्रियावादी हों, शुक्लपाक्षिक हों, सम्यग्मिथ्यादृष्टि हों, वे सब भवसिद्धिक हैं, इनके अतिरिक्त शेष सब दोनों प्रकार के हैं। ॥ तीसवाँ शतक : द्वितीय उद्देशक समाप्त॥
SR No.003445
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapati Sutra Part 04 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1986
Total Pages914
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_bhagwati
File Size17 MB
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