SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 696
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [५६५ अट्ठावीसइमं सयं : कम्मसमजणसयं अट्ठाईसवाँ शतक : कर्मसमर्जन-शतक पढमो उद्देसओ : प्रथम उद्देशक छव्वीसवें शतक में निर्दिष्ट ग्यारह स्थानों से जीवादि के पापकर्म-समर्जन एवं समाचरण का निरूपण १. जीवा णं भंते ! पावं कम्मं कहिं समजिणिंसु ? कहिं समायरिंसु ? गोयमा ! सव्वे ति ताव तिरिक्खजोणिएसु होजा १, अहवा तिरिक्खजोणिएसु य नेरइएसु य होज्जा २, अहवा तिरिक्खजोणिएसु य मणुस्सेसु य होजा ३, अहवा तिरिक्खजोणिएसु य देवेसु य होज्जा ४, अहवा तिरिक्खजोणिएसु य नेरइएसु य मणुस्सेसु य होज्जा ५, अहवा तिरिक्खजोणिएसु य नेरइएसु य देवेसु य होजा ६, अहवा तिरिक्खजोणिएसु य मणुस्सेसु य देवेसु य होजा ७, अहवा तिरिक्खजोणिएसु य नेरइएसु य मणुस्सेसु य देवेसु य होजा ८। ___ [१ प्र.] भगवन् ! जीवों ने किस गति में पापकर्म का समर्जन (ग्रहण) किया था और किस गति में आचरण किया था ? [१ उ.] गौतम ! (१) सभी जीव तिर्यञ्चयेनिकों में थे (२) अथवा (सभी जीव) तिर्यञ्चयोनिकों और नैरयिकों में थे, (३) अथवा (सभी जीव) तिर्यञ्चयोनिकों और मनुष्यों में थे, (४) अथवा (सभी जीव) तिर्यञ्चयोनिकों और देवों में थे, (५) अथवा (सभी जीव) तिर्यञ्चयोनिकों, नैरयिकों और मनुष्यों में थे, (६) अथवा (सभी जीव) तिर्यञ्चयोनिकों, नैरयिकों और देवों में थे, (७) अथवा (सभी जीव) तिर्यञ्चयोनिकों, मनुष्यों और देवों में थे, (८) अथवा (सभी जीव) तिर्यञ्चयोनिकों, नैरयिकों, मनुष्यों और देवों में थे। (अर्थात्-उन-उन गतियों-योनियों में उन्होंने पापकर्म का समर्जन और समाचरण किया था।) २. सलेस्सा णं भंते ! जीवा पावं कम्म कहिं समजिणिंसु ? कहिं समायरिंसु ? एवं चेव। [२ प्र.] भगवन् ! सलेश्यी जीव ने किस गति में पापकर्म का समर्जन और किस गति में समाचरण किया था? [२ उ.] गौतम ! पूर्ववत् (यहाँ सभी भंग पाये जाते हैं।) ३. एवं कण्हलेस्सा जाव अलेस्सा।
SR No.003445
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapati Sutra Part 04 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1986
Total Pages914
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_bhagwati
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy