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________________ पच्चीसवाँ शतक : उद्देशक-४] [३६५ . पएसट्ठयाए एवं चेव, नवरं परमाणुपोग्गला अपएसट्ठयाए भाणियव्वा। संखेजपएसिया खंधा निरेया पएसट्ठयाए असंखेजगुणा, सेसं तं चेव। दव्वट्ठपएसट्ठयाए-सव्वत्थोवा अणंतपएसिया खंधा निरेया दव्वट्ठयाए १, ते चेव पएसट्ठयाए अणंतगुणा २, अणंतपएसिया खंधा सेया दव्वट्ठयाए अणंतगुणा ३, ते चेव पएसट्ठयाए अणंतगुणा ४, परमाणुपोग्गला सेया दव्वट्ठअपएसट्ठयाए अणंतगुणा ५, संखेजपएसिया खंधा सेया दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा ६, ते चेव पएसट्ठयाए असंखेजगुणा ७, असंखेजपएसिया खंधा सेया दव्वट्ठयाए असंखेजगुणा ८, ते चेव पएसट्ठयाए असंखेजगुणा ९, परमाणुपोग्गला निरेया दव्वट्ठअपएसट्ठयाए असंखेजगुणा १०, संखेजपएसिया खंधा निरेया दव्वट्ठयाए असंखेजगुणा ११, ते चेव पएसट्ठयाए असंखेजगुणा १२, असंखेजपएसिया खंधा निरेया दव्वट्ठयाए असंखेजगुणा १३, ते चेव पएसट्टयाए असंखेजगुणा १४। [२१० प्र.] भगवन् ! सकम्प और निष्कम्प परमाणुपुद्गल, संख्यात-प्रदेशी स्कन्ध, असंख्यात-प्रदेशी स्कन्ध और अनन्त-प्रदेशी स्कन्धों में द्रव्यार्थ, प्रदेशार्थ और द्रव्यार्थ-प्रदेशार्थ से कौन पुद्गल, किन पुद्गलों से अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक हैं ? [२१० उ.] गौतम ! (१) निष्कम्प अनन्त-प्रदेशी स्कन्ध द्रव्यार्थ से सबसे अल्प हैं। (२) उनसे सकम्प अनन्त-प्रदेशी स्कन्ध द्रव्यार्थ से अनन्तगुणे हैं (३) उनसे सकम्प परमाणु-पुद्गल द्रव्यार्थ से अनन्तगुणे हैं । (४) उनसे सकम्प संख्यात-प्रदेशी स्कन्ध द्रव्यार्थ से संख्यातगुणे हैं। (५) उनसे सकम्प असंख्यातप्रदेशी स्कन्ध द्रव्यार्थ से असंख्यातगुणे हैं। (६) उनसे निष्कम्प परमाणु पुद्गल द्रव्यार्थ से असंख्यातगुणे हैं। (७) उनसे निष्कम्प संख्यात-प्रदेशीस्कन्ध द्रव्यार्थ से संख्यातगुणे हैं। (८) और उनसे निष्कम्प असंख्यातप्रदेशी स्कन्ध द्रव्यार्थ से असंख्यातगुणे हैं। जिस प्रकार द्रव्यार्थ से उपर्युक्त आठ बोल कहे हैं, उसी प्रकार प्रदेशार्थ से भी आठ बोल जानने चाहिए, किन्तु परमाणु-पुद्गल में प्रदेशार्थ के बदले 'अप्रदेशार्थ' कहना चाहिए तथा निष्कम्प संख्यात-प्रदेशी स्कन्ध प्रदेशार्थ से संख्यातगुणे जानने चाहिए। शेष सब पूर्ववत् । द्रव्यार्थ-प्रदेशार्थ से—(१) निष्कम्प अनन्त-प्रदेशी स्कन्ध द्रव्यार्थ से सबसे अल्प हैं । (२) उनसे निष्कम्प अनन्त-प्रदेशी स्कन्ध प्रदेशार्थ से अनन्तगणे हैं। (३) सकम्प अनन्त-प्रदेशी स्कन्ध द्रव्यार्थ से अनन्तगुणे हैं। (४) उनसे सकम्प अनन्त-प्रदेशी स्कन्ध प्रदेशार्थ से अनन्तगुणे हैं। (५) उनसे सन परमाणु-पुद्गल द्रव्यार्थ से अप्रदेशार्थरूप से अनन्तगुणे हैं। (६) उनसे सकम्प संख्यात-प्रदेशी स्कन्ध द्रव्यार्थ से असंख्यातगुणे हैं। (७) उनसे सकम्प संख्यात-प्रदेशी स्कन्ध प्रदेशार्थ से असंख्यातगुणे हैं। (८) उनसे सकम्प असंख्यात-प्रदेशी स्कन्ध द्रव्यार्थ से असंख्यातगुणे हैं । (९) उनसे सकम्प असंख्यात-प्रदेशी स्कन्ध प्रदेशार्थ से असंख्यातगुणे हैं । (१०) उनसे निष्कम्प परमाणु-पुद्गल द्रव्यार्थ-अप्रदेशार्थ रूप से असंख्यातगुणे हैं । (११) उनसे निष्कम्प संख्यात-प्रदेशी स्कन्ध द्रव्यार्थ से असंख्यातगुणे हैं । (१२) उनसे निष्कम्प संख्यातप्रदेशी स्कन्ध प्रदेशार्थ से असंख्यातगुणे हैं। (१३) उनसे निष्कम्प असंख्यात-प्रदेशी स्कन्ध द्रव्यार्थ से असंख्यातगुणे हैं और (१४) उनसे निष्कम्प असंख्यात-प्रदेशी स्कन्ध प्रदेशार्थ से असंख्यातगुणे हैं । विवेचन—पुद्गलों से अल्पबहुत्व की मीमांसा–परमाणु पुद्गल तथा संख्यात-प्रदेशी, असंख्यात
SR No.003445
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapati Sutra Part 04 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1986
Total Pages914
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_bhagwati
File Size17 MB
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