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________________ ३६४] परमाणु से अनन्तप्रदेशी सकम्प - निष्कम्प स्कन्ध तक के अल्पबहुत्व की चर्चा २०७. एएसि णं भंते ! परमाणुपोग्गलाणं सेयाणं निरेयाण य कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? [ व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र गोयमा ! सव्वत्थोवा परमाणुपोग्गला सेया, निरेया असंखेज्जगुणा । [२०७ प्र.] भगवन् ! इन (पूर्वोक्त) सकम्प और निष्कम्प परमाणुपुद्गलों में कौन किनसे यावत् विशेषाधिक होते हैं ? [२०७ उ.] गौतम ! सबसे थोड़े सकम्प परमाणुपुद्गल होते हैं। उनसे निष्कम्प परमाणुपुद्गल असंख्यातगुण हैं। २०८. एवं जाव असंखिज्जपएसियाणं खंधाणं । [२०८] इसी प्रकार यावत् असंख्यात - प्रदेशी स्कन्धों के अल्पबहुत्व के विषय में जानना चाहिए। २०९. एएसि णं भंते ! अनंतपएसियाणं खंधाणं सेयाणं निरेयाण य कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा अणंतपएसिया खंधा निरेया, सेया अणंतगुणा । 1 [२०९ प्र.] भगवन् ! इन (पूर्वोक्त) अनन्त - प्रदेशी सकम्प और निष्कम्प स्कन्धों में कौन किनसे यावत् विशेषाधिक होते हैं ? [२०९ उ.] गौतम ! सबसे थोड़े अनन्त- प्रदेशी निष्कम्प स्कन्ध हैं। उनसे सकम्प अनन्तप्रदेशी स्कन्ध अनन्तगुण हैं । विवेचन—सकम्प परमाणुपुद्गल सबसे कम हैं, उनसे असंख्यातगुणे निष्कम्प परमाणुपुद्गल हैं तथा सबसे अल्प अनन्तप्रदेशी निष्कम्प स्कन्ध हैं, उनसे अनन्तगुणे सकम्प अनन्त- प्रदेशी स्कन्ध हैं। परमाणु से अनन्तप्रदेशी सकम्प - निष्कम्प स्कन्धों की द्रव्यार्थ, प्रदेशार्थ, द्रव्यप्रदेशार्थ से अल्पबहुत्व की चर्चा २१०. एएसि णं भंते ! परमाणुपोग्गलाणं, संखेज्जपएसियाणं असंखेज्जपएसियाणं अणंतपएसियाण य खंधाणं सेयाणं निरेयाण य दव्वट्टयाए पएसट्टयाए दव्वट्ठपएसट्टयाए करे हिंतो जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा अणतपएसिया खंधा निरेया दव्वट्टयाए १, अणंतपएसिया खंधा सेया दव्या अनंतगुणा २, परमाणुपोग्गला सेया दव्वट्टयाए अनंतगुणा ३, संखेज्जपएसिया खंधा सेया दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा ४, असंखेज्जपएसिया खंधा सेया दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा ५, परमाणुपोग्गला निरेया दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा ६, संखेज्जपएसिया खंधा निरेया दव्वट्टयाए संजगुणा ७, असंखेज्जपएसिया खंधा निरेया दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा ८ ।
SR No.003445
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapati Sutra Part 04 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1986
Total Pages914
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_bhagwati
File Size17 MB
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