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________________ द्वितीय से बारहवाँ एकेन्द्रिय शतक विविध दृष्टियों से एकेन्द्रिय जीवों के सम्बन्ध में प्ररूपणा ६३४ चौतीसवाँ शतक : बारह एकेन्द्रिय शतक प्राथमिक ६४३ बारह एकेन्द्रिय श्रेणीशतक ६४७ प्राथमिक ६७८ पैंतीस से चालीसवाँ शतक पैंतीसवाँ शतक एकेन्द्रिय महायुग्मशतक अर्थात् एकेन्द्रिय जीवों-सम्बन्धी प्ररूपणा ६७९ छत्तीसवाँ शतक बारहद्वीन्द्रिय महायुग्मशतक — द्वीन्द्रिय जीवों-सम्बन्धी विविध द्वारों से प्ररूपणा ७०१ सैंतीसवाँ शतक द्वीन्द्रिय महायुग्मशतक के अतिदेशपूर्वक बारह त्रीन्द्रिय महायुग्मशतक ७०९ अड़तीसवाँ शतक द्वादश चतुरिन्द्रिय महायुग्मशतक ———असंज्ञी पंचेन्द्रिय जीवों-सम्बन्धी प्ररूपणा ७१० उनचालीसवाँ शतक असंज्ञीपंचेन्द्रिय महायुग्मशतक असंज्ञी पंचेन्द्रिय जीवों-सम्बन्धी प्ररूपणा इक्कीस अवान्तर शतक ७११ चालीसवाँ शतक इक्कीस संज्ञीपंचेन्द्रिय महायुग्मशतक—– संज्ञी पंचेन्द्रियं सम्बन्धी उत्पादादि की प्ररूपणा — इक्कीस अवान्तर शतक ७१२ इकतालीसवाँ शतक प्राथमिक ७२८ प्रथम उद्देश राशियुग्म : भेद और स्वरूप, राशियुग्म : कृतयुग्मराशि वाले चौवीस दण्डकों में उपपातादि वक्तव्यता ७२९ द्वितीय उद्देशक राशियुग्म : त्र्योजराशि वाले चौवीस दण्डकों में उपपातादि वक्तव्यता ७६३ [ १२७ ]
SR No.003445
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapati Sutra Part 04 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1986
Total Pages914
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_bhagwati
File Size17 MB
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