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नवम से बारह उद्देशक
- अभव्य नैरयिकों सम्बन्धी वक्तव्यता ६१७ तेरह से सोलह उद्देशक
लेश्यायुक्त सम्यग्दृष्टि नारकों की वक्तव्यता ६१८ सत्तरह से वीस उद्देशक
मिथ्यादृष्टि नारक सम्बन्धी चार उद्देशक ६१८ इक्कीस से चौवीस उद्देशक
कृष्णपाक्षिक नारक सम्बन्धी ६१९ । पच्चीस से अट्ठाईस उद्देशक शुक्लपाक्षिक नैरयिकों सम्बन्धी कथन ६२०
बत्तीसवाँ शतक प्रथम उद्देशक
नारकों की उद्वर्तना ६२१ दूसरे से अट्ठाईस उद्देशक ___ चतुर्विध क्षुद्रयुग्म कृष्णलेश्यी नैरयिकों की उद्वर्तना सम्बन्धी प्ररूपणा ६२३
तेतीसवाँ प्रथम एकेन्द्रिय शतक
प्राथमिक ६२४ प्रथम उद्देशक
एकेन्द्रिय जीवों के भेद-प्रभेद ६२५
एकेन्द्रिय जीवों की कर्मप्रकृतियाँ, उनका बन्ध और वेदन ६२६ द्वितीय उद्देशक
___ अनन्तरोपपन्नक एकेन्द्रिय के भेद-प्रभेद, उनमें कर्मप्रकृतियाँ, उनके बन्ध और वेदन का निरूपण ६२९ तृतीय उद्देशक
परम्परोपन्नक एकेन्द्रिय जीवों के भेद-प्रभेद, उनमें कर्मप्रकृतियाँ, उनका बन्ध और वेदन ६३१ चतुर्थ से ग्यारहवाँ उद्देशक
एकेन्द्रिय सम्बन्धी विविध अतिदेश ६३२
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