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________________ ५८१ सोलहवां शतक : उद्देशक-६ १७. वासुदेवमायरो णं पुच्छा। गोयमा ! वासुदेवमायरोजाव वक्कममाणंसि एएसि चोद्दसण्हं अन्नयरे सत्त महासुविणे पासित्ताणं पडिबुझंति। [१७ प्र.] भगवन् ! वासुदेव का जीव जब गर्भ में आता है, तब वासुदेव की माताएँ कितने महास्वप्न देखकर जागृत होती हैं ? [१७ उ.] गौतम! वासुदेव का जीव जब गर्भ में आता है, तब वासुदेव की माताएँ इन चौदह महास्वप्नों में से कोई भी सात महास्वप्न देखकर जागृत होती हैं। १८. बलदेवमायरो० पुच्छा। गोयमा ! बलदेवमायरो जाव एएसिं चोदसण्हं महासुविणाणं अन्नयरे चत्तारि महासुविणे पासित्ताणं पडिबुझंति। [१८ प्र.] भगवन् ! बलदेव का जीव जब गर्भ में आता है, तब बलदेव की माताएँ कितने स्वप्न.......... इत्यादि पृच्छा ? . [१८ उ.] गौतम! बलदेव की माताएं, यावत् इन चौदह महास्वप्नों में से किन्हीं चार महास्वप्नों को देखकर जागृत होती हैं। १९. मंडलियमायरो णं भंते ! मं० पुच्छा। गोयमा ! मंडलियमायरो जाव एएसिं चोद्दसण्हं महासुविणाणं अन्नयरं एगं महासुविणं जाव पडिबुझंति। [१९ प्र.] भगवन्! माण्डलिक का जीव गर्भ में आने पर माण्डलिक की माताएँ................ इत्यादि पूर्ववत् प्रश्न। [१९ उ.] गौतम ! माण्डलिक की माताएँ यावत् इन चौदह महास्वप्नों में से किसी एक महास्वप्न को देखकर जागृत होती हैं। विवेचन—विशिष्ट महापुरुषों के जगत् में आने के संकेत : महास्वप्नों द्वारा तीर्थंकर, चक्रवर्ती आदि श्लाघ्य पुरुष जगत् में जब गर्भ में आते हैं उनके आने के शुभसंकेत उनकी माताओं को दिखाई देने वाले स्वप्नों से प्राप्त हो जाते हैं। किसकी माता को कितने महास्वप्नं दिखाई देते हैं, उनकी यहाँ एक संक्षिप्त तालिका दी जाती है १ १. तीर्थंकर की माता को १४ २. चक्रवर्ती की माता को १४ ३. वासुदेव की माता को ७ १. वियाहपण्णत्तिसुत्तं भा. २ (मूलपाठ-टिप्पणयुक्त) पृ. ७६२-७६३
SR No.003444
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapati Sutra Part 03 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1985
Total Pages840
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_bhagwati
File Size16 MB
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