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________________ ३५४ व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र २०. एवं उप्पलहत्थगं, एवं पउमहत्थगं एवं कुमुदहत्थगं,एवं जाव' से जहानामए केयि पुरिसे सहस्सपत्तगं गहाय गच्छेज्जा०, एवं चेव। [२० प्र.] इसी प्रकार उत्पल हाथ में लेकर, पद्म हाथ में लेकर एवं कुमुद हाथ में लेकर तथा जैसे कोई पुरुष यावत् सहस्रपत्र (कमल) हाथ में लेकर गमन करता है, क्या उसी प्रकार भावितात्मा अनगार भी ............. इत्यादि पूर्ववत् प्रश्न। [२० उ.] (हाँ, गौतम ! ) उसी प्रकार (पूर्ववत्) जानना चाहिए। विवेचन—प्रस्तुत पांच सूत्रों (सू. १६ से २० तक) में पूर्ववत् चक्र, छत्र, चर्म (चामर), रत्न, वज्र, वैडूर्य, रिष्ट आदि रत्न तथा उत्पल, पद्म, कुमुद, यावत् सहस्रपत्रकमल आदि हाथ में लेकर चलता है,, उसी प्रकार तथाविध रूपों की विकुर्वणा करके ऊर्ध्व-आकाश में उड़ने की भावितात्मा अनगार की शक्ति की प्ररूपणा की गई है। कमलनाल तोड़ते हुए चलने वाले पुरुषवत् अनगार की वैक्रियशक्ति २१. से जहानामए केयि पुरिसे भिसं अवदालिय अवदालिय गच्छेज्जा, एवामवे अणगारे वि भिसकिच्चगएणं अप्पाणेणं०, तं चेव।। [२१ प्र.] (भगवन् ! ) जिस प्रकार कोई पुरुष कमल की डंडी को तोड़ता-तोड़ता चलता है, क्या उसी प्रकार भावितात्मा अनगार भी स्वयं इस प्रकार के रूप की विकुर्वणा करके ऊँचे आकाश में उड़ सकता है ? [२१ उ.] (हाँ, गौतम ! ) शेष सभी कथन पूर्ववत् समझना चाहिए। मृणालिका, वनखण्ड एवं पुष्करिणी बना कर चलने की वैक्रियशक्ति-निरूपण २२. से जहानामए मुणालिया सिया, उदगंसि कायं उम्मज्जिय उम्मज्जिय चिट्ठेज्जा, एवामेव०, सेसं जहा वग्गुलीए। [२२ प्र.] (भगवन् ! ) जैसे कोई मृणालिका (नलिनी) हो और वह अपने शरीर को पानी में डुबाए रखती है तथा उसका मुख बाहर रहता है; क्या उसी प्रकार भावितात्मा अनगार भी .............. इत्यादि पूर्ववत् प्रश्न। [२२ उ.] (हाँ, गौतम ! ) शेष सभी कथन वग्गुली के समान जानना चाहिए। १. 'जाव' पद में सूचक पाठ-"नलिणहत्थगं सुभगहत्थगं सोगंधियहत्थगं पुंडरीयहत्थगं महापुंडरीयहत्थगं सयवत्तहत्थगं ति"-अ० वृ०॥ २. वियाहपण्णत्तिसुत्तं (मूलपाठ-टिप्पणयुक्त ) भा. २, पृ.६५५
SR No.003444
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapati Sutra Part 03 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1985
Total Pages840
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_bhagwati
File Size16 MB
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