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________________ आठवाँ उद्देशक : अनगार ७३९ भावितात्मा अनगार के पैर के नीचे दबे कुर्कुटादि के कारण ईयापथिक क्रिया का सकारण निरूपण ७३९, भगवान् का जनपद-विहार, राजगृह में पदार्पण और गुणशील चैत्य में निवास ७४०, अन्यतीर्थिकों द्वारा श्रमण निर्ग्रन्थों पर हिंसापरायणता, असंयतता एवं एकान्तबालत्व के आक्षेप का गौतम स्वामी द्वारा समाधान, भगवान् द्वारा उक्त यथार्थ उत्तर की प्रशंसा ७४०, छद्मस्थ मनुष्य द्वारा परमाणु द्विप्रदेशिकादि को जानने और देखने के सम्बन्ध में प्ररूपणा ७४३, अवधिज्ञानी, परमावधिज्ञानी और केवली द्वारा परमाणु से लेकर अनन्तप्रदेशी स्कन्ध तक को जानने-देखने के सामर्थ्य का निरूपण ७४४. नवम उद्देशक : ७४७ नैरयिकादि चौवीस दण्डकों में भव्यद्रव्यसंबंधित प्रश्न का यथोचित युक्तिपूर्वक समाधान ७४७, चौवीस दण्डकों में भव्य-द्रव्यनैरयिकादि की स्थिति का निरूपण ७४८. दशम उद्देशक : ७५१ भावितात्मा अनगार के लब्धिसामर्थ्य के असि-क्षुरधारा-अवगाहनादि का अतिदेशपूर्वक निरूपण ७५१, परमाणु, द्विप्रदेशिक आदि स्कन्ध तथा वस्ति का वायुकाय से परस्पर स्पर्शास्पर्श निरूपण ७५२, सात नरक, बारह देवलोक, पांच अनुत्तरविमान तथा ईषत्प्रारभारा पृथ्वी के नीचे परस्परबद्धादि पुद्गल द्रव्यों का निरूपण ७५४, वाणिज्यग्रामनिवासी सोमिल ब्राह्मण द्वारा पूछे गये यात्रादि सम्बन्धी चार प्रश्नों का भगवान् द्वारा समाधान ७५५, सरिसव-भक्ष्याभक्ष्य विषयक सोमिलप्रश्न का भगवान् द्वारा समाधान ७५८, मास एवं कुलत्था के भक्ष्याभक्ष्य-विषयक सोमिलप्रश्न का भगवान् द्वारा समाधान ७५९, सोमिल द्वारा पूछे गए एक, दो अक्षय, अव्यय, अवस्थित तथा अनेकभूत-भावभविक . आदि तात्त्विक प्रश्नों का समाधान ७६१, सोमिल द्वारा श्रावकधर्म का स्वीकार ७६२, सोमिल के प्रव्रजित होने आदि के सम्बन्ध में गौतम के प्रश्न का भगवान् द्वारा समाधान ७६३. उन्नीसवाँ शतक प्राथमिक–७६४, उन्नीसवें शतक के उद्देशक के नाम ७६६. प्रथम उद्देशक : ७६७ प्रज्ञापनासूत्र के अतिदेशपूर्वक लेश्यातत्त्व निरूपण ७६७. द्वितीय उद्देशक : ७६९ एक लेश्यावाले मनुष्य से दूसरी लेश्यावाले गर्भ की उत्पत्ति विषयक निरूपण ७६९. [२८]
SR No.003444
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapati Sutra Part 03 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1985
Total Pages840
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_bhagwati
File Size16 MB
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