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________________ बारहवाँ शतक : उद्देशक-५ १७९ हल्का-भारी, ये आठों ही स्पर्श पाए जाते हैं। 'उवासंतरे' : अर्थ-अवकाशान्तर। चौवीस दण्डकों में वर्णादि प्ररूपणा १९. नेरइया णं भंते ! कतिवण्णा जाव कतिफासा पन्नत्ता। गोयमा ! वेउव्विय-तेयाइं पडुच्च पंचवण्णा पंचरसा दुगंधा अट्ठफासा पन्नत्ता। कम्मगं पडुच्च पंचवण्णा पंचरसा दुगंधा चउफासा पन्नत्ता। जीवं पडुच्च अवण्णा जाव अफासा पन्नत्ता। [१९ प्र.] भगवन् ! नैरयिकों में कितने वर्ण, गन्ध रस और स्पर्श कहे हैं ? [१९ उ.] गौतम ! वैक्रिय और तैजस पुद्गलों की अपेक्षा से उनमें पांच वर्ण, पांच रस, दो गन्ध और आठ स्पर्श कहे हैं। कार्मणपुद्गलों की अपेक्षा से पांच वर्ण, पांच रस, दो गन्ध और चार स्पर्श कहे हैं। जीव की अपेक्षा से वे वर्णरहित यावत् स्पर्शरहित कहे हैं। २०. एवं जाव थणियकुमारा। [२०] इसी प्रकार (असुरकुमारों से लेकर ) यावत् स्तनितकुमारों तक कहना चाहिए। . २१. पुढविकाइया णं० पुच्छा। गोयमा ! ओरालिय-तेयगाइं पडुच्च पंचवण्णा जाव अट्ठफासा पन्नत्ता, कम्मगं पडुच्च जहा नेरइयाणं, जीवं पडुच्च तहेव। [ २१ प्र.] भगवन् ! पृथ्वीकायिक जीव कितने वर्ण, गन्ध, रस और स्पर्श वाले हैं? [२१ उ.] गौतम ! औदारिक और तैजस पुद्गलों की अपेक्षा पांच वर्ण, दो गन्ध, पांच रस और आठ स्पर्श वाले कहे हैं। कार्मण की अपेक्षा और जीव की अपेक्षा, पूर्ववत् (नैरयिकों के कथन के समान) जानना चाहिए। २२. एवं जाव चउरिंदिया, नवरं वाउकाइया ओरालिए-वेउव्वियतेयगाइं पडुच्च पंचवण्णा जाव अट्ठफासा पन्नत्ता। सेसं जहा नेरइयाणं। [२२] इसी प्रकार (अप्काय, से लेकर) चतुरिन्द्रिय तक जानना चाहिए। परन्तु इतनी विशेषता है कि वायुकायिक, औदारिक, वैक्रिय और तैजस पुद्गलों की अपेक्षा पांच वर्ण पांच रस दो गन्ध और आठ स्पर्श वाले कहे हैं। शेष (के विषय में) नैरयिकों के समान जानना चाहिए। २३. पंचेंदियतिरिक्खजोणिया जहा वाउकाइया। [२३] पंचेन्द्रिय तिर्यञ्चयोनिक जीवों का कथन भी वायुकायिकों के समान जानना चाहिए। २४. मणस्सा णं० पुच्छा। १. भगवती. अ. वृत्ति, पत्र ५७४ २. भगवती. (हिन्दीविवेचन) भा. ४, पृ. २०५४
SR No.003444
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapati Sutra Part 03 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1985
Total Pages840
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_bhagwati
File Size16 MB
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