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व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र होते हैं ? इत्यादि प्रश्न। । [२३ उ.] गांगेय! रत्नप्रभा में होते हैं, यावत् अथवा अधःसप्तमपृथ्वी में होते हैं।
अथवा एक रत्नप्रभा में और सात शर्कराप्रभा में होते हैं, इत्यादि जिस प्रकार सात नैरयिकों के द्विकसंयोगी त्रिकसंयोगी, चतुःसंयोगी, पंचसंयोगी और षट्संयोगी भंग कहे गए हैं, उसी प्रकार आठ नैरयिकों के भी द्विकसंयोगी आदि भंग कहने चाहिए, किन्तु इतना विशेष है कि एक-एक नैरयिक का अधिक संचार करना चाहिए। शेष सभी षट्संयोगी तक पूर्वोक्त प्रकार से कहना चाहिए। अन्तिम भंग यह है—अथवा तीन शर्कराप्रभा में, एक बालुकाप्रभा में यावत् एक अधःसप्तमपृथ्वी में होता है। (१) अथवा एक रत्नप्रभा में, यावत् एक तमःप्रभा में और दो अधःसप्तमपृथ्वी में होते हैं। (२) अथवा एक रत्नप्रभा में यावत् दो तम:प्रभा में और एक अधःसप्तमपृथ्वी में होता है। इसी प्रकार सभी स्थानों में संचार करना चाहिए। यावत् अथवा दो रत्नप्रभा में एक शर्कराप्रभा में यावत् एक अधःसप्तमपृथ्वी में होता है।
विवेचन-आठ नैरयिकों में असंयोगी भंग सिर्फ ७ होते हैं।
द्विकसंयोगी १४७ भंग-इसके सात विकल्प होते हैं। यथा-१-७, २-६, ३-५, ४-४,५-३, ६-२,७-१ । इन सात विकल्पों के साथ सात नरकों के २१ भंगों का गुणाकार करने पर कुल १४७ भंग होते
है
।
त्रिकसंयोगी ७३५ भंग-इसके २१ विकल्प होते हैं । यथा-१-१-६,१-२-५,१-३-४, १.-४३,१-५-२,१-६-१,६-१-१,५-२-१,२-१-५,२-२-४,२-३-३,२-४-२,२-५-१,३-१-४,३२-३, ३-४-१, ३-३-२,४-२-२, ४-३-१,४-१-३, और ५-१-२ । इन २१ विकल्पों के साथ सात नरकों के त्रिकसंयोगी (पूर्वोक्तवत्) ३५ भंगों का गुणाकार करने पर कुल ७३५ भंग होते हैं।
चतुःसंयोगी १२२५ भंग-इसके ३५ विकल्प होते हैं। यथा-१-१-१-५, १-१-२-४, १-२१-४,२-१-१-४,१-१-३-३,१-२-२-३,२-१-२-३,१-३-१-३,२-२-१-३,३-१-१-३,१-१४-२,१-२-३-२,२-१-३-२,१-३-२-२, २-२-२-२,३-१-२-२,१-४-१-२, २-३-१-२,३-२१-२,४-१-१-२,१-१-५-१,१-२-४-१,२-१-४-१,१-३-३-१,२-२-३-१,३-१-३-११-४२-१,२-३-२-१,३-२-२-१,४-१-२-१,१-५-१-१,२-४-१-१,३-३-१-१,४-२-१-१ और ५१-१-१ ।इन ३५ विकल्पों के साथ चतुःसंयोगी पूर्वोक्त ३५ भंगों का गुणाकार करने पर कुल १२२५ भंग होते
पंचसंयोगी ७३५ भंग-इसके विकल्प ३५ होते हैं। यथा-१-१-१-१-४ इत्यादि क्रम से पूर्वापरसंख्या के चालन से ३५ विकल्प पूर्ववत् होते हैं। उन्हें सात नरकपदों से जनित २१ भंगों के साथ गुणा करने से कुल भंगों की संख्या ७३५ होती है।
षट्संयोगी १४७ भंग—इसके २१ विकल्प होते हैं । यथा १-१-१-१-१-३ इत्यादि क्रम से पूर्वापर