________________
४३१
नवम शतक : उद्देशक-१
१. भरत और ऐरवत में— गंगा, सिन्धु, रक्ता और रक्तवती, इन चार नदियों की प्रत्येक की चौदहचौदह हजार सहायक नदियाँ हैं।
२. हैमवत और हैरण्यवत में— रोहित, रोहितांशा, सुवर्णकूला और रूप्यकूला इन चारों की, प्रत्येक की अट्ठाईस-अट्ठाईस हजार नदियाँ हैं।
३. हरिवर्ष और रम्यकवर्ष में— हरि, हरिकान्ता, नरकान्ता, नारीकान्ता, इन चारों की प्रत्येक की छप्पन-छप्पन हजार नदियाँ हैं।
४. महाविदेह में— शीता और शीतोदा की प्रत्येक की ५ लाख ३२ हजार नदियाँ हैं। ये कुल मिलाकर १४५६००० नदियाँ होती हैं।
जम्बूद्वीप का आकार-जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति के अनुसार-जम्बूद्वीप सब द्वीपों के मध्य में सबसे छोटा द्वीप है। इसकी आकृति तेल का मालपूआ, रथचक्र, पुष्करकर्णिका तथा पूर्ण चन्द्र की-सी गोला है। यह एक लाख योजन लम्बा-चौड़ा है।
॥ नवम शतक : प्रथम उद्देशक समाप्त॥
१. भगवती. अ. वृत्ति, पत्र ४२५ २. "अयं णं जंबुद्दीवे...... वट्टे तेल्लपूयसंठाणसंठिए, वट्टे रहचक्कबालसंठाणसंठिए, वट्टे पुक्खरकनिया....
संठाणसंठिए वट्टे पडिपुनचंदसंठाणसंठिए पन्नत्ते.....।"