SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 460
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ नवमं सयं : नवम शतक नौवें शतक की संग्रहणी गाथा १. जंबुद्दीवे १ जोइस २ अंतरदीवा ३० असोच्च ३१ गंगेय ३२। कुंडग्गामे ३३ पुरिसे ३४ नवमम्मि सयम्मि चोत्तीसा॥१॥ [१ गाथार्थ-] १. जम्बूद्वीप, २. ज्योतिष, ३. से ३०. तक (अट्ठाईस) अन्तर्वीप, ३१. अश्रुत्वा - (केवली इत्यादि), ३२. गांगेय (अनगार), ३३. (ब्राह्मण-) कुण्डग्राम और ३४. पुरुष (पुरुषहन्ता इत्यादि)। (इस प्रकार) नौवें शतक में चौंतीस उद्देशक हैं। विवेचन–जम्बूद्वीप-जिसमें जम्बूद्वीप-विषयक वक्तव्यता है। अन्तरदीवा–तीसरे उद्देशक से लेकर तीसवें उद्देशक तक, अट्ठाईस उद्देशकों में २८ अन्तर्वीपों के मनुष्यों का वर्णन एक साथ ही किया गया है। अश्रुत्वा—इस उद्देशक में बिना धर्म सुने हुए एव सुने हुए केवली तथा उनसे सम्बन्धित साधकों का निरूपण है। पुरुष—इस चौंतीसवें उद्देशक में पुरुष को मारने वाले इत्यादि के विषय में वक्तव्यता है।' १. भगवतीसूत्र. अ. वृत्ति, पत्रांक ४३५
SR No.003443
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapati Sutra Part 02 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1983
Total Pages669
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_bhagwati
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy