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________________ तृतीय शतक : उद्देशक-४] [३४७ करता है अथवा दो दिशाओं में (एक साथ) दो पताकाओं के समान रूप बना कर गति करता है ? [७-५ उ.] गौतम! वह (वायुकाय), एक पताका के समान रूप बना कर गति करता है, किन्तु दो दिशाओं से (एक साथ) दो पताकाओं के समान रूप बना कर गति नहीं करता। [६] से णं भंते! कि वाउकाए, पडागा? गोयमा! वाउकाए णं से, नो खलु सा पडागा। [७-६ प्र.] भगवन्! उस समय क्या वह वायुकाय है या पताका है ? [७-६ उ.] गौतम! वह वायुकाय है, किन्तु पताका नहीं है। विवेचन वायुकाय द्वारा वैक्रियकृत रूप–परिणमन एवं गमन सम्बन्धी प्ररूपणा प्रस्तुत दो सूत्रों (६-७) में विविध प्रश्नों द्वारा वायुकाय के वैक्रियकृत रूप तथा उस रूप में गमन करने के सम्बन्ध में निश्चय किया गया है। निष्कर्ष वायुकाय, एक दिशा में, उच्छ्रितपताका या पतितपताका इन दोनों में से एक बड़ी पताका की आकृति-सा रूप वैक्रिय-शक्ति से बना कर आत्मऋद्धि से, आत्मकर्म से तथा आत्मप्रयोग से अनेक योजन तक गति करता है। वह वास्तव में वायुकाय होता है, पताका नहीं। कठिन शब्दों की व्याख्या—आयड्डीए-अपनी ऋद्धि-लब्धि शक्ति से।आयकम्मुणा= अपने कर्म या अपनी क्रिया से। ऊसिओदयं ऊँची ध्वजा के आकार की-सी गति। पततोदयं नीचे गिरी (पड़ी) हुई ध्वजा के आकार की-सी गति। एगओ पडागं-एक दिशा में एक पताका के समान। दुहओ पडागं-दो दिशाओं में (एक साथ) दो पताकाओं के समान। बलाहक के रूप-परिणमन एवं गमन की प्ररूपणा ८. पभूणं भंते बलाहगे एगं महं इत्थिरूवं वा जाव संदमाणियरूवं वा परिणामेत्तए ? हंता, पभू। [८ प्र.] भगवन् ! क्या बलाहक (मेघ) एक बड़ा स्त्रीरूप यावत् स्यन्दमानिका (म्याने) रूप में परिणत होने में समर्थ है ? [८ उ.] हाँ गौतम! (बलाहक ऐसा करने में) समर्थ है। ९. [१] पभू णं भंते! बलाहगं एगं महं इत्थिरूवं परिणामेत्ता अणेगाई जोयणाइं गमित्तए? हंता, पभू। [९-१ प्र.] भगवन्! क्या बलाहक एक बड़े स्त्रीरूप में परिणत हो कर अनेक योजन तक जाने में समर्थ है ? वियाहपण्णत्तिसुत्तं (मूलपाठ टिप्पणयुक्त) भाग १, पृ. १५९-१६० भगवतीसूत्र अ. वृत्ति, पत्रांक १८७
SR No.003442
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapati Sutra Part 01 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages569
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_bhagwati
File Size12 MB
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