SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 766
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ दशम स्थान ८२- - एएसि णं दसविधाणं भवणवासीणं देवाणं दस चेइयरुक्खा पण्णत्ता, संग्रहणी - गाथा अस्सत्थ सत्तिवण्णे, सामलि उंबर सिरीस दहिवण्णे । वंजुल - पलास - वग्घा, तते य कणियाररुक्खे ॥ १॥ इन दशों प्रकार के भवनवासी देवों के दश चैत्यवृक्ष कहे गये हैं, जैसे—१. असुरकुमार का चैत्यवृक्ष — अश्वत्थ (पीपल) । २. नागकुमार का चैत्यवृक्ष —— सप्तपर्ण (सात पत्ते वाला) वृक्ष विशेष । ३. सुपर्णकुमार का चैत्यवृक्ष — शाल्मली (सेमल ) वृक्ष । ४. विद्युत्कुमार का चैत्यवृक्ष — उदुम्बर ( गूलर) वृक्ष । ५. अग्निकुमार का चैत्यवृक्ष — शिरीष (सिरीस ) वृक्ष । ६. द्वीपकुमार का चैत्यवृक्ष — दधिपर्ण वृक्ष । ७. उदधिकुमार का चैत्यवृक्ष — वंजुल (अशोक वृक्ष ) । ८. दिशाकुमार का चैत्यवृक्ष — पलाश वृक्ष । ९. वायुकुमार का चैत्यवृक्ष —— व्याघ्र (लाल एरण्ड ) वृक्ष । १०. स्तनितकुमार का चैत्यवृक्ष — कर्णिकार ( कनेर) वृक्ष (८२) । सौख्य-सूत्र ८३ – दसविधे सोक्खे पण्णत्ते, तं जहा— आरोग्ग दीहमाउं, अड्डेज्जं काम भोग संतोसे अत्थि सुहभोग णिक्खम्ममेव तत्तो अणवाहे ॥ १ ॥ तं जहा ६९९ सुख दश प्रकार का कहा गया है, जैसे— १. आरोग्य (नीरोगता) । २. दीर्घ आयुष्य । ३. आढ्यता ( धन की सम्पन्नता) । ४. काम (शब्द और रूप का सुख) । ५. भोग (गन्ध, रस और स्पर्श का सुख ) । ६. सन्तोष - निर्लोभता । ७. अस्ति — जब जिस वस्तु की आवश्यकता हो, तब उसकी पूर्ति हो जाना । ८. शुभभोग — सुन्दर, रम्य भोगों की प्राप्ति होना । ९. 1 निष्क्रमणप्रव्रजित होने का सुयोग मिलना । १०. अनाबाध—– जन्म - मृत्यु आदि की बाधाओं से रहित मुक्ति-सुख (८३) । उपघात - विशोधि-सूत्र ८४— दसविधे उवघाते पण्णत्ते, तं जहा—— उग्गमोवघाते, उप्पायणोवघाते, (एसणोवघाते, परिकम्मोवघाते), परिहरणोवघाते, णाणोवघाते, दंसणोवघाते, चरित्तोवघाते, अचियत्तोवघाते, सारक्खणोवघाते। उपघात दश प्रकार का कहा गया है, जैसे
SR No.003440
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthananga Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Shreechand Surana
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1981
Total Pages827
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Dictionary, & agam_sthanang
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy