________________
६८६
स्थानाङ्गसूत्रम्
चंदभागा।
जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के दक्षिण में गंगा-सिन्धु महानदी में दश महानदियाँ मिलती हैं, जैसे१. यमुना, २. सरयू, ३. आवी, ४. कोशी, ५. मही, ६. शतद्रु, ७. वितस्ता, ८. विपाशा, ९. ऐरावती, १०. चन्द्रभागा (२५)।
२६- जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरे णं रत्ता-रत्तवतीओ महाणदीओ दस महाणदीओ समप्पेंति, तं जहा किण्हा, महाकिण्हा, णीला, महाणीला, महातीरा, इंदा, (इंदसेणा, सुसेणा, वारिसेणा), महाभोगा।
जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के उत्तर में रक्ता और रक्तावती महानदी में दश महानदियां मिलती हैं, जैसे
१. कृष्ण, २. महाकृष्णा, ३. नीला, ४. महानीला, ५. महातीरा, ६. इन्द्रा, ७. इन्द्रसेना, ८. सुषेणा, ९. वारिषेणा,
१०. महाभोगा (२६)। राजधानी-सूत्र
२७– जंबुद्दीवे दीवे भरहे वासे दस रायहाणीओ पण्णत्ताओ, तं जहासंग्रहणी-गाथा
चंपा महुरा वाणारसी य सावत्थि तह य साकेतं ।
हत्थिणउर कंपिल्लं, मिहिला कोसंबि रायगिहं ॥१॥ जम्बूद्वीप नामक द्वीप में भारतवर्ष में दश राजधानियां कही गई हैं, जैसे१. चम्पा— अंगदेश की राजधानी, २. मथुर— सूरसेन देश की राजधानी, ३. वाराणसी— काशी देश की राजधानी, ४. श्रावस्ती— कुणाल देश की राजधानी, ५. साकेत– कोशल देश की राजधानी, ६. हस्तिनापुर- कुरु देश की राजधानी, ७. काम्पिल्य- पांचाल देश की राजधानी, ८. मिथिला- विदेह देश की राजधानी,
९. कौशाम्बी— वत्स देश की राजधानी, १०. राजगृह- मगध देश की राजधानी (२७)। राज-सूत्र
२८- एयासु णं दससु रायहाणीसु दस रायाणो मुंडा भवेत्ता (अगाराओ अणगारियं) पव्वइया, तं जहा–भरहे, सगरे, मघवं, सणंकुमारे, संती, कुंथू, अरे, महापउमे, हरिसेणे, जयणामे।
इन दश राजधानियों में दश राजा मुण्डित होकर अगार से अनगारिता में प्रव्रजित हुए, जैसे१. भरत, २. सगर, ३. मघवा, ४. सनत्कुमार, ५. शान्ति, ६. कुन्थु, ७. अर, ८. महापद्म, ९. हरिषेण,
१०. जय (२८)। मन्दर-सूत्र
२९– जंबुद्दीवे दीवे मंदरे पव्वए दस जोयणसयाई उव्वेहेणं, धरणितले दस जोयणसहस्साई