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________________ सप्तम स्थान ५५९ उभयत्ति । पोतज जीव सप्त गतिक और सप्त आगतिक कहे गये हैं। इसी प्रकार उद्भिज्ज तक सातों ही योनिवाले जीवों की सातों ही गति - आगति जाननी चाहिए (५)। संग्रहस्थान-सूत्र ६ — आयरिय - उवज्झायस्स णं गणंसि सत्त संगहठाणा पण्णत्ता, तं जहा १. आयरिय - उवज्झाए णं गणंसि आणं वा धारणं वा सम्मं पउंजित्ता भवति । २. ( आयरिय-उवज्झाए णं गणंसि आधारातिणियाए कितिकम्मं सम्मं परंजित्ता भवति । ३. आयरिय-उवज्झाए णं गणंसि जे सुत्तपज्जवजाते धारेति ते काले-काले सम्ममणुप्पवाइत्ता भवति । ४. आयरिय-उवज्झाए णं गणंसि गिलाणसेहवेयावच्चं सम्ममब्भुट्ठित्ता भवति ) । ५. आयरिय-उवज्झाए णं गणंसि आपुच्छियचारी यावि भवति, णो अणापुच्छियचारी । ६. आयरिय-उवज्झाए णं गणंसि अणुप्पण्णाई उवगरणाई सम्मं उप्पाइत्ता भवति । ७. आयरिय-उवज्झाए णं गणंसि पुव्वुप्पणाइं उवकरणाइं सम्मं सारक्खेत्ता संगवित्ता भवति, णो असम्मं सारक्खेत्ता संगवित्ता भवति । आचार्य और उपाध्याय के लिए गण में सात संग्रहस्थान (ज्ञाता या शिष्यादि के संग्रह के कारण ) कहे गये हैं, जैसे १. आचार्य और उपाध्याय गण आज्ञा एवं धारण का सम्यक् प्रयोग करें । २. आचार्य और उपाध्याय गण में यथारानिक (दीक्षा - पर्याय में छोटे-बड़े के क्रम से) कृतिकर्म (वन्दनादि) का सम्यक् प्रयोग करें । ३. आचार्य और उपाध्याय जिन-जिन सूत्र - पर्यवजातों को धारण करते हैं, उनकी यथाकाल गण को सम्यक् वाचना देवें । ४. आचार्य और उपाध्याय गण के ग्लान (रुग्ण) और शैक्ष (नवदीक्षित) साधुओं की सम्यक् वैयावृत्त्य के लिए सदा सावधान रहें । ५. आचार्य और उपाध्याय गण को पूछ कर अन्यत्र विहार करें, उसे पूछे बिना विहार न करें। ६. आचार्य और उपाध्याय गण के लिए अनुपलब्ध उपकरणों को सम्यक् प्रकार से उपलब्ध करें ७. आचार्य और उपाध्याय गण में पूर्व - उपलब्ध उपकरणों का सम्यक् प्रकार से संरक्षण एवं संगोपन करें, असम्यक् प्रकार से विधि का अतिक्रमण कर संरक्षण और संगोपन न करें (६) । असंग्रहस्थान- सूत्र ७ आयरिय-उवज्झायस्स णं गणंसि सत्त असंगहठाणा पण्णत्ता, तं जहा १. आयरिय - उवज्झाए णं गणंसि आणं वा धारणं वा णो सम्मं परंजित्ता भवति ।
SR No.003440
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthananga Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Shreechand Surana
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1981
Total Pages827
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Dictionary, & agam_sthanang
File Size16 MB
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