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स्थानाङ्गसूत्रम्
नहीं करता हूं' इसलिए दुर्मनस्क होता है तथा कोई पुरुष 'युद्ध नहीं करता हूं' इसलिए न सुमनस्क होता है और न दुर्मनस्क होता है (२७१) । पुनः पुरुष तीन प्रकार के कहे गये हैं—कोई पुरुष 'युद्ध नहीं करूंगा' इसलिए सुमनस्क होता है। कोई पुरुष 'युद्ध नहीं करूंगा' इसलिए दुर्मनस्क होता है तथा कोई पुरुष 'युद्ध नहीं करूंगा' इसलिए न सुमनस्क होता है और न दुर्मनस्क होता है (२७२)।]
२७३- [तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा जइत्ता णामेगे सुमणे भवति, जइत्ता णामेगे दुम्मणे भवति, जइत्ता णामेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे भवति। २७४- तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा—जिणामीतेगे सुमणे भवति, जिणामीतेगे दुम्मणे भवति, जिणामीतेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे भवति। २७५- तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा जिणिस्सामीतेगे सुमणे भवति, जिणिस्सामीतेगे दुम्मणे भवति, जिणिस्सामीतेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे भवति।]
[पुरुष तीन प्रकार के कहे गये हैं—कोई पुरुष 'जीत कर' सुमनस्क होता है। कोई पुरुष 'जीत कर' दुर्मनस्क होता है तथा कोई पुरुष 'जीत कर' न सुमनस्क होता है और न दुर्मनस्क होता है (२७३)। पुनः पुरुष तीन प्रकार के कहे गये हैं—कोई पुरुष 'जीतता हूं' इसलिए सुमनस्क होता है। कोई पुरुष 'जीतता हूं' इसलिए दुर्मनस्क होता है तथा कोई पुरुष 'जीतता हूं' इसलिए न सुमनस्क होता है और न दुर्मनस्क होता है (२७४) । पुनः पुरुष तीन प्रकार के कहे गये हैं—कोई पुरुष 'जीतूंगा' इसलिए सुमनस्क होता है। कोई पुरुष 'जीतूंगा' इसलिए दुर्मनस्क होता है तथा कोई पुरुष 'जीतूंगा' इसलिए न सुमनस्क होता है और न दुर्मनस्क होता है (२७५)।]
२७६- [तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा—अजइत्ता णामेगे सुमणे भवति, अजइत्ता णामेगे दुम्मणे भवति, अजइत्ता णामेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे भवति। २७७– तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा–ण जिणामीतेगे सुमणे भवति, ण जिणामीतेगे दुम्मणे भवति, ण जिणामीतेगे णोसुमणेणोदुम्मणे भवति। २७८- तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा–ण जिणिस्सामीतेगे सुमणे भवति, ण जिणिस्सामीतेगे दुम्मणे भवति, ण जिणिस्सामीतेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे भवति।]
[पुरुष तीन प्रकार के कहे गये हैं—कोई पुरुष नहीं जीत कर' सुमनस्क होता है। कोई पुरुष 'नहीं जीत कर' दुर्मनस्क होता है तथा कोई पुरुष नहीं जीत कर' न सुमनस्क होता है और न दुर्मनस्क होता है (२७६)। पुनः पुरुष तीन प्रकार के कहे गये हैं—कोई पुरुष नहीं जीतता हूं' इसलिए सुमनस्क होता है। कोई पुरुष नहीं जीतता हूं' इसलिए दुर्मनस्क होता है तथा कोई पुरुष नहीं जीतता हूं' इसलिए न सुमनस्क होता है और न दुर्मनस्क होता है (२७७)। पुनः पुरुष तीन प्रकार के कहे गये हैं—कोई पुरुष नहीं जीतूंगा' इसलिए सुमनस्क होता है। कोई पुरुष 'नहीं जीतूंगा' इसलिए दुर्मनस्क होता है तथा कोई पुरुष नहीं जीतूंगा' इसलिए न सुमनस्क होता है और न दुर्मनस्क होता है (२७८)।]
२७९ - [तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा—पराजिणित्ता णामेगे सुमणे भवति, पराजिणित्ता णामेगे दुम्मणे भवति, पराजिणित्ता णामेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे भवति। २८०- तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा—पराजिणामीतेगे सुमणे भवति, पराजिणामीतेगे दुम्मणे भवति, पराजिणामीतेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे भवति। २८१- तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा—पराजिणिस्सामीतेगे सुमणे