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________________ ७२ स्थानाङ्गसूत्रम् दो पूर्वाषाढा, दो उत्तराषाढा, दो अभिजित, दो श्रवण, दो धनिष्ठा, दो शतभिषा, दो पूर्वाभाद्रपद, दो उत्तराभाद्रपद, दो रेवती, दो अश्विनी, दो भरणी, इन नक्षत्रों ने चन्द्र के साथ योग किया था, योग करते हैं और योग करेंगे (३२३)। नक्षत्र-देव-पद ३२४- दो अग्गी, दो पयावती, दो सोमा, दो रुद्दा, दो अदिती, दो बहस्सती, दो सप्पा, दो पिती, दो भगा, दो अज्जमा, दो सविता, दो तट्ठा, दो वाऊ, दो इंदग्गी, दो मित्ता, दो इंदा, दो णिरती, दो आऊ, दो विस्सा, दो बम्हा, दो विण्हू, दो वसू, दो वरुणा, दो अया, दो विविधी, दो पुस्सा, दो अस्सा, दो यमा। नक्षत्रों के दो दो देव हैं, उनके नाम इस प्रकार हैं—दो अग्नि, दो प्रजापति, दो सोम, दो रुद्र, दो अदिति, दो बृहस्पति, दो सर्प, दो पितृ-देवता, दो भग, दो अर्यमा, दो सविता, दो त्वष्टा, दो वायु, दो इन्द्राग्नि, दो मित्र, दो इन्द्र, दो निऋति, दो अप्, दो विश्वा, दो ब्रह्म, दो विष्णु, दो वसु, दो वरुण, दो अज, दो विवृद्धि, दो पूषन् ; दो अश्व, दो यम (३२४)। महाग्रह-पद ___३२५- दो इंगालगा, दो वियालगा, दो लोहितक्खा, दो सणिच्चरा, दो आहुणिया, दो पाहुणिया, दो कणा, दो कणगा, दो कणकणगा, दो कणगविताणगा, दो कणगसंताणगा, दो सोमा, दो सहिया, दो आसासणा, दो कज्जोवगा, दो कब्बडगा, दो अयकरगा, दो दुंदुभगा, दो संखा, दो संखवण्णा, दो संखवण्णाभा, दो कंसा, दो कंसवण्णा, दो कंसवण्णाभा, दो रुप्पी, दो रुप्याभासा, दो णीला, दो णीलोभासा, दो भासा, दो भासरासी, दो तिला, दो तिलपुष्फवण्णा, दो दगा, दो दगपंचवण्णा, दो काका, दो कक्कंधा, दो इंदग्गी, दो धूमकेऊ, दो हरी, दो पिंगला, दो बुद्धा, दो सुक्का, दो बहस्सती, दो राहू, दो अगत्थी, दो माणवगा, दो कासा, दो फासा, दो धुरा, दो पमुहा, दो विगडा, दो विसंधी, दो णियल्ला, दो पइल्ला, दो जडियाइलगा, दो अरुणा, दो अग्गिल्ला, दो काला, दो महाकालगा, दो सोत्थिया, दो सोवत्थिया, दो वद्धमाणगा, दो पलंबा, दो णिच्चालोगा, दो णिच्चुजोता, दो सयंभा, दो ओभासा, दो सेयंकरा, दो खेमंकरा, दो आभंकरा, दो पभंकरा, दो अपराजिता, दो अरया, दो असोगा, दो विगतसोगा, दो विमला, (दो वितता, दो वितत्था), दो विसाला, दो साला, दो सुव्वता, दो अणियट्टी, दो एगजडी, दो दुजडी, दो करकरिगा, दो रायग्गला, दो पुप्फकेतू, दो भावकेऊ, [चारं चरिंसु वा चरंति वा चरिस्संति वा ?]। जम्बूद्वीप नामक द्वीप में दो अंगारक, दो विकालक, दो लोहिताक्ष, दो शनिश्चर, दो आहुत, दो प्राहुत, दो कन, दो कनक, दो कनकवितानक, दो कनकसन्तानक, दो सोम, दो सहित, दो आश्वासन, दो कार्योपग, दो कर्वटक, दो अजकरक, दो दुन्दुभक, दो शंख, दो शंखवर्ण, दो शंखवर्णाभ, दो कंस, दो कंसवर्ण, दो कंसवर्णाभ, दो रुक्मी, दो रुक्माभास, दो नील, दो नीलाभास, दो भस्म, दो भस्मराशि, दो तिल, दो तिलपुष्पवर्ण, दो दक, दो दकपंचवर्ण, दो काक, दो कर्कन्ध, दो इन्द्राग्नि, दो धूमकेतु, दो हरि, दो पिंगल, दो बुद्ध, दो शुक्र, दो बृहस्पति, दो राहु, दो अगस्ति, .
SR No.003440
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthananga Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Shreechand Surana
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1981
Total Pages827
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Dictionary, & agam_sthanang
File Size16 MB
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