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________________ ७० स्थानाङ्गसूत्रम् ओसप्पिणीए जाव पालइत्था। ३०८- एवमागमेस्साए उस्सप्पिणीए जाव पालयिस्संति। जम्बूद्वीप नामक द्वीप के भरत और ऐरवत क्षेत्र में अतीत उत्सर्पिणी के सुषमा नामक आरे में मनुष्यों की ऊँचाई दो गव्यूति (कोश) की थी और उनकी उत्कृष्ट आयु दो पल्योपम की थी (३०६)। जम्बूद्वीप नामक द्वीप में भरत और ऐरवत क्षेत्र में वर्तमान अवसर्पिणी के सुषमा नामक आरे में मनुष्यों की ऊँचाई दो गव्यूति (कोश) की थी और उनकी उत्कृष्ट आयु दो पल्योपम की थी (३०७)। इसी प्रकार यावत् आगामी उत्सर्पिणी के सुषमा नामक आरे में मनुष्यों की ऊँचाई दो गव्यूति (कोश) और उत्कृष्ट आयु दो पल्योपम की होगी (३०८)। शलाका-पुरुष-वंश-पद ३०९- जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु 'एगसमये एगजुगे' दो अरहंतवंसा उप्पजिंसु वा उप्पजंति वा उप्पज्जिस्संति वा। ३१०– जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु एगसमये एगजुगे दो चक्कवट्टिवंसा उप्पजिंसु वा उप्पजंति वा उप्पजिस्संति वा। ३११– जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु एगसमये एगजुगे दो दसारवंसा उप्पजिंसु वा उप्पजंति वा उप्पजिस्संति वा। जम्बूद्वीप नामक द्वीप में भरत और ऐरवत क्षेत्र में एक समय में, एक युग में अरहन्तों के दो वंश उत्पन्न हुए थे, उत्पन्न होते हैं और उत्पन्न होंगे (३०९)। जम्बूद्वीप नामक द्वीप में भरत क्षेत्र और ऐरवत क्षेत्र में एक समय में, एक युग में चक्रवर्तियों के दो वंश उत्पन्न हुए थे, उत्पन्न होते हैं और उत्पन्न होंगे (३१०)। जम्बूद्वीप नामक द्वीप में भरत और ऐरवत क्षेत्र में एक समय में एक युग में दो दशार (बलदेव-वासुदेव) वंश उत्पन्न हुए थे, उत्पन्न होते हैं और उत्पन्न होंगे (३११)। शलाका-पुरुष-पद ३१२– जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु एगसमये एगजुगे दो अरहंता उप्पजिंसु वा उप्पजंति वा उप्पजिस्संति वा। ३१३– जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु एगसमये एगजुगे दो चक्कवट्टी उप्पजिंसु वा उप्पजंति वा उप्पजिस्संति वा। ३१४- जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु एगसमये एगजुगे दो बलदेवा उप्पजिंसु वा उप्पजंति वा उप्पजिस्संति वा। ३१५- जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु एगसमये एगजुगे दो वासुदेवा उप्पजिंसु वा उप्पजंति वा उप्पजिस्संति वा। जम्बूद्वीप नामक द्वीप में भरत और ऐवत क्षेत्र में, एक समय में एक युग में दो अरहन्त उत्पन्न हुए थे, उत्पन्न होते हैं और उत्पन्न होंगे (३१२) । जम्बूद्वीप नामक द्वीप में भरत और ऐरवत क्षेत्र में, एक समय में एक युग में दो चक्रवर्ती उत्पन्न हुए थे, उत्पन्न होते हैं और उत्पन्न होंगे (३१३)। जम्बूद्वीप नामक द्वीप में भरत और ऐरवत क्षेत्र में, एक समय में एक युग में दो बलदेव उत्पन्न हुए थे, उत्पन्न होते हैं और उत्पन्न होंगे (३१४)। जम्बूद्वीप नामक द्वीप में भरत और ऐरवत क्षेत्र में, एक समय में एक युग में दो वासुदेव उत्पन्न हुए थे, उत्पन्न होते हैं और उत्पन्न होंगे (३१५)। कालानुभाव पद ३१६-- जंबुद्दीवे दीवे दोसु कुरासु मणुया सया सुसमसुसममुत्तमं इड्डेि पत्ता पच्चणुभवमाणा
SR No.003440
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthananga Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Shreechand Surana
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1981
Total Pages827
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Dictionary, & agam_sthanang
File Size16 MB
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