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गौतम ने पूछा - भगवन् ! फाणित गुड (गुड़ की कटु रस ? इसी प्रकार उसमें वर्ण, गन्ध और स्पर्श कितने
भगवान ने कहा--" गौतम ! व्यवहार दृष्टि से गुड में एक मधुर रस कहा जाता है, किन्तु निश्चय दृष्टि से उसमें पांच रस, पांच वर्ण, दो गन्ध एवं आठ स्पर्श विद्यमान रहते हैं । ९
इन्द्रभूति गौतम
गुड में कितने रस ?
राब) में मधुर रस है या
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हैं ?
४९. भगवती १८/६
५०. भगवती १1७
गौतम ने पूछा - भगवन् ! ( गर्भगत जीव में ) माता के अंग कितने होते हैं ?
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भगवान ने कहा - "गौतम ! माता के तीन अंग (प्राणि में) रहते हैं - माँस, रक्त और मस्तुलु रंग - भेजा ।
गौतम - भगवन् ! पिता के अंग कितने होते हैं ?
भगवान - गौतम ! पिता के भी तीन अंग होते हैं - 'अस्थि मज्जा तथा केश-दाढ़ी-रोम - नख !
गौतम - भगवन् ! माता के ये अंग संतान में कितने काल तक रहते हैं ?
भगवान — गौतम ! जितने काल तक संतान का शरीर स्थिर रहता है, तब तक माता-पिता अंग उसमें रहते हैं । ५०
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माता-पिता का अंग
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