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स्कन्ध ।
पुद्गल के
मोक्ष में जाने वाले जीवों के लिए यह आवश्यक है, कि वह स्व-पर का भेद ज्ञान रखे । जीव से भिन्न क्या है ? अजीव । अजीव में भी पुद्गल पर है। पुद्गल क्या है ? पूरण एवं गलन धर्म वाले रूपी द्रव्य को पुद्गल कहते हैं । उसके छः भेद हैं
१. सूक्ष्म - सूक्ष्म - परमाणु पुद्गल ।
२. सूक्ष्म - दो प्रदेश से लेकर सूक्ष्म रूप से परिणत अनन्त प्रदेशों का
छः भेद
३. सूक्ष्म - बादर -- गन्ध के पुद्गल ।
४. बादर - सूक्ष्म -- वायु काय का शरीर ।
५. बादर - ओस आदि अप्काय का शरीर ।
६. बादर - बादर - अग्नि, वनस्पति, पृथ्वी तथा सकाय के जीवों का शरीर ।
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सूक्ष्म सूक्ष्म और सूक्ष्म का इन्द्रियों से अनुभव नहीं हो सकता है । में इन दोनों में केवल परमाणु या प्रदेशों का भेद है । सूक्ष्म-सूक्ष्म एक ही में परमाणु होता है, और वह एक ही आकाश प्रदेश को घेरता है । सूक्ष्म परमाणु अधिक होते हैं, और आकाश प्रदेश भी अनेक होते हैं । सूक्ष्म - बादर का केवल घ्राण से अनुभव किया जा सकता है, और किसी इन्द्रिय से नहीं । बादर - सूक्ष्म का स्पर्शन से अनुभव किया जा सकता है । बादर का नेत्र और त्वचा से अनुभव किया जाता है । बादर बादर का सभी इन्द्रियों से अनुभव होता है ।
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