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जीव-तत्त्व | १३१
कहा है । मन-सहित जीव समनस्क होता है । जिसमें मनन करने की शक्ति हो, वह समनस्क होता है । जो इसके विपरीत है-वह अमनस्क है। बिना मन का है। मन-रहित है । मनन करने की शक्ति उसमें नहीं है । वह चिन्तन नहीं कर सकता है ।
___ मन के दो भेद हैं-द्रव्य मन और भाव मन । भाव मन ज्ञान रूप होने से सब संसारी जीवों के होता है । लेकिन द्रव्य मन सबके नहीं होता। द्रव्य मन पुद्गल रूप होता है । जिसको यह द्रव्य मन होता है-वह समनस्क कहा जाता है। जिसको यह द्रव्य मन नहीं होता है-वह अमनस्क कहा जाता है । चिन्तन के लिए द्रव्य मन आवश्यक है।
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